नई दिल्ली।
भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी दोबारा इस पद पर रहना नहीं चाहते और इसके लिए उन्होंने सरकार से अपना कार्यकाल न बढ़ाने को कहा है। अटॉर्नी जनरल के तौर पर मुकुल रोहतगी का कार्यकाल 19 जून को खत्म हो रहा है। उन्होंने पिछले महीने ही सरकार को अपनी मंशा से अवगत करा दिया था। उन्होंने कहा कि वह निजी प्रैक्टिस पर वापस जाना चाहते हैं, इसलिए अटॉर्नी जनरल के तौर पर दूसरा कार्यकाल नहीं चाहते। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार से उनके संबंध अच्छे रहे हैं और जरूरत पड़ी, तो वे सरकार की मदद के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे।
ये भी पढ़ें : कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने सेना प्रमुख को कहा सड़क का गुंडा, विवाद के बाद ट्विटर पर मांगी माफी
रोहतगी ने बताया कि उन्होांने पिछले महीने सरकार को पत्र लिखकर सूचित किया था कि वह अटॉर्नी जनरल के पद पर पुन: नियुक्ति नहीं चाहते हैं और अपनी निजी प्रैक्टिस शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस माह की शुरुआत में आगामी आदेशतक अस्थायी विस्तार दिया गया था और अब सरकार को उनके फैसले पर निर्णय लेना होगा।
ये भी पढ़ें : पत्थरबाजों को अच्छा इंसान बनाएगी सेना, देश भर का कराएगी भ्रमण, बताएगी विकास का असली मतलब
बता दें कि रोहतगी ने अपने कार्यकाल में कई बड़े मामलों में सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार का पक्ष रखा। इनमें उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्त्िआयोग का मामला भी शामिल है। हाल ही में उन्होंने तीन तलाक के मद्दे पर भी भारत सरकार की ओर से पैरवी की।