वाराणसी । लोकसभा चुनावों में अपनी प्रचंड जीत के बाद नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लोगों का आभार प्रकट करने के लिए पहुंचे । इस दौरान उन्होंने काशी की जनता का आभार प्रकट करते हुए कहा - उन्होंने कहा कि आज भले ही मैं काशी से बोल रहा हूं लेकिन आज पूरा उत्तर प्रदेश अभिनंदन का हकदार है । देश के विकास के लिए यूपी का अहम योगदान है । लोकतंत्र के लिए यहां से मजबूत होना जरूरी था , यहां के लोगों ने सभी बंधन तोड़ते हुए देश निर्माण के लिए वोट किया । यूपी ने लोकतंत्र की नींव को मजबूत कर दिया है । यूपी की जनता का आशीर्वाद मेरे लिए काफी अहम । उन्होंने इस दौरान कहा कि इस सब के बावजूद राजनीतिक पंडितों को अगर अब भी देश में चल रही हवा का आभास नहीं हो रहा तो वह 20वीं सदी के लिए ठीक हैं, 21वीं सदी के लिए वह ठीक नहीं । उन्होंने कहा कि देश में समाज शक्ति की जो केमिस्ट्री है। आदर्शों, संकल्पों की जो कैमिस्ट्री है वो कभी-कभी सारे गुणा-भाग को, अंक गणित को पराजित कर देती है। इस चुनाव में अंक गणित को केमिस्ट्री ने पराजित किया है ।
कार्य और कार्यकर्ता का मिलना अहम
सरकार का काम है कार्य करना और इसलिए एक तरफ सरकार का कार्य हो और उसमें जब कार्यकर्ता जुड़ जाता है तो कार्य+कार्यकर्ता वो एक ऐसी ताकत है जो करिश्मा करती है । उन्होंहा कहा - पारदर्शिता और परिश्रम दो ऐसी चीजें हैं, हर परसेप्शन को परास्त करने का साहस रखते हैं। आज हिंदुस्तान ने ये कर के दिखाया है। पारदर्शिता और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है ।देश के विकास के लिए नीति और रणनीति का अहम योगदान होता है । सरकार ने जनता के लिए काम किए और कार्यकर्ताओं ने लोगों में विश्वास जताया कि काम होंगे । इसलिए कहता हूं कि सरकार और संगठन के बीच तालमेल होना चाहिए । किसी भी कार्य का जब कार्यकर्ता से मिलन होता है तो करिशमाई परिणाम सामने आते हैं।
काशी की जनता से बोले...हर...हर..हर महादेव
जनता को संबोधित करते हुए मोदी ने सबसे पहले हर हर हर महादेव का नारा लगाया । इसके बाद वह बोले - मैं भी भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते पार्टी और कार्यकर्ता जो आदेश करते हैं उसका पालन करने का मैं भरसक प्रयास करता हुं । एक माह पूर्व 25 तारीफ को जब मैं यहां था , जिस आन बान शान के साथ काशी ने एक विश्वरूप दिखाया था , और वो काशी को प्रभावित करने वाला नहीं था, यूपी को प्रभावित करने वाला नहीं था , उसने पूरे हिंदुस्तान को प्रभावित किया । हिन्दुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं होगा , जो काशी की गलियों में बदलते मिजाज को देखा । यहां के प्रबुद्ध जनों से जब मुझे मिलने का आदेश मिला कि 1 महीने तक प्रवेश नहीं कर सकते हैं। देश ने भले ही मुझे प्रधानमंत्री बनाया हो, लेकिन आपके लिए मैं कार्यकर्ता हूं। आपका आदेश मेरे सिर माथे हैं। 19 को जिस दिन मतदान हुआ उस दिन मेरे मन में भी था कि चलों आज कोई काम नहीं तो चलते हैं काशी , लेकिन आपका आदेश याद आया कि जीतने तक नहीं आना । ऐसे में मैंने सोचा चलो यह बाबा नहीं तो दूसरे बाबा । उनका इशारा इस दौरान केदारनाथ धाम की अपनी यात्रा को लेकर था ।
...इसलिए बाबा केदारनाथ की गोद में जाकर बैठा
मोदी बोले - काशी वासियों को विश्वास था , इसलिए मैं मतदान वाले दिन बाबा केदारनाथ के चरणों में जाकर बैठ गया । काशी अविनाशी है , उसने जो शक्ति मुझे दी है , ऐसा सौभाग्य मिलना मुश्किल होता है । आपके कार्यक्रमों की मुझे जानकारी मिलती थी । आपने काशी में चुनाव को लोकोत्सव बना डाला । इस सीट पर तू तू मैं मैं कम थी और अपना पन ज्यादा नजर आया । इस चुनाव में अलग अलग दल और निर्दलीय साथी चुनाव मैदान में थे , उन्होंने भी अपने योगदान से माहौल को बेहतर बनाने के सहयोग किया, इन लोगों का मैं धन्यवाद करता हूं ।
काशी में लोकपर्व के बेटियों ने स्कूटी निकाली...
इस चुनाव में कार्यकर्ताओं के साथ जब मेरा मिलना हुआ था तो उस दिन मैंने कहा था शायद नामांकन मेरा हुआ है , लेकिन चुनाव हर गली और घर का नरेंद्र मोदी लड़ेगा । ऐसे में आपने अपने भीतर की शक्तियां मेरे रूप में चुनाव अभियान को चलाने में लगाईं । ऐसे में काशी के हर कार्यकर्ता , समर्थक और नेता का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने इस चुनाव को जय पराजय के तराजू से नहीं तोला , उन्होंने चुनाव को लोकसंपर्क और समर्पण का पर्व माना । कार्यकर्ताओं ने शानदार काम किया है , इसलिए वो बधाई के पात्र हैं। यहां की बेटियों ने लोकपर्व के लिए जो स्कूटी निकाली उसकी चर्चा देशभर में है ।
कार्यकर्ता का संतोष यही हमारी जीवनमंत्र है
इस दौरान जब उनका भाषण शुरू हुआ तो पार्टी कार्यकर्ता और उन्हें सुनने आई जनता ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए । कुछ देर तक मोदी अपने संबोधन आगे नहीं बढ़ा पाए । इस दौरान मोदी ने कुछ लोगों के हाथ में कुछ कागज देखे जो वे लोग मोदी को देना चाहते थे । इस पर मोदी बोले - कुछ लोगों के पास कुछ कागज है वो मुझ तक पहुंचा दिजिएगा इसके बाद उन्होंने कहा कि अब तो ठीक है...कार्यकर्ताओं का संतोष ही हमारा जीवनमंत्र है ।