नई दिल्ली । निर्भया गैंगरेप कांड में शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषी मुकेश की दया याचिका को खारिज कर दिया है । हालांकि आगामी 22 जनवरी को उनके खिलाफ डेथ वारंट जारी होने के मामले पर आज सुनवाई भी होनी है , लेकिन यह भी तय है कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के बाद फांसी के लिए 14 दिन का समय होता है । इस मामले में पिछले कुछ दिनों में तेजी से कार्रवाई हुई , जिसमें उपराज्यपाल से मुकेश की याचिका गृहमंत्रालय को भेजी गई और मंत्रालय ने भी राष्ट्रपति को यह याचिका भेज दी थी , जिस पर राष्ट्रपति कोविंद ने भी बिना देर लगाए , शुक्रवार सुबह मुकेश कुमार की दया याचिका को खारिज कर दिया है । बहरहाल , आज पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट को लेकर भी सुनवाई है । इस सब के बीच चारों आरोपियों को जेल नंबर तीन में शिफ्ट कर दिया गया है , फांसी की कोठरी है । इस फैसले से पहले निर्भया की मां ने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि जैसे दोषी चाहते हैं , सरकार भी वैसा ही कर रही है , जिसके चलते उनकी फांसी की सजा टल रही है ।
बता दें कि गुरुवार को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति भवन को भेजी अपनी सिफारिश और नोटिंग में कहा है कि फांसी की सजा बरकरार रखी जाए । गृह मंत्रालय की सिफारिश और नोटिंग के आधार पर अब राष्ट्रपति ने इस याचिका पर फैसला लेते हुए दया याचिका को खारिज कर दिया । अब राष्ट्रपति के निर्णय के बाद फैसले की जानकारी आरोपी तक पहुंचाने के लिए उसी प्रक्रिया को अपनाया जाएगा ।
इस सब के बीच अब देखना है कि इस कानूनी प्रक्रिया में कितना समय लगेगा और आखिर फांसी की तारीख कौन सी तय होगी । हालांकि एक दिन पहले ही निर्भया की मां ने दोषियों की फांसी में विलंब के लिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को दोषी ठहराया था । निर्भया की मां ने केजरीवाल सरकार पर उन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।