नई दिल्ली । भले ही देश में कई तरह की आफतों का दौर जारी हो , लेकिन इस सबके बीच राजनीति भी जारी है । असल में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित सरकारी बंगले को छोड़ने का नोटिस भेजा गया है। प्रियंका को यह बंगला 1 अगस्त तक खाली करना होगा । अब भले ही मंत्रालय इसे नियमानुसार की गई कार्यवाही कह रहा हो , लेकिन कांग्रेस ने इसे खुद पर हमला करार दिया है ।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से गांधी परिवार समेत कांग्रेस , मोदी सरकार और पीएम मोदी पर लगातार निशाना साध रहे हैं । इतना ही नहीं भाजपा भी लगातार पलटवार कर रही है । इसी क्रम में अब कांग्रेस का कहना है कि यह राजनीति व्यक्तिगत होती नजर आ रही है । लेकिन केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा बंगला खाली करने के पीछे की सच्चाई को कांग्रेस स्वीकार नहीं कर रही है ।
असल में , पिछले साल नवंबर महीने में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में SPG सुरक्षा को लेकर रिव्यू किया था । इसके बाद गांधी परिवार यानी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से SPG कवर वापस ले लिया गया था । अब इन तीनों के पास Z प्लस सुरक्षा है, वो भी CRPF के साथ । प्रियंका गांधी को इसी प्रोटेक्शन के तहत लोधी एस्टेट में एक सरकारी बंगला अलॉट था, अब केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय का कहना है कि क्योंकि ये प्रोटेक्शन नहीं है, इसलिए आपको एक अगस्त तक बंगला खाली करना होगा । ऐसा ना करने पर अतिरिक्त किराया देना होगा ।
जानकारी के अनुसार , प्रियंका गांधी वाड्रा को यह बंगला तब मिला था जब वह महज 23 साल की थीं। 21 फरवरी, 1997 में लोधी रोड स्थित बंगला अलॉट किया गया था, तब उनके पास SPG सुरक्षा थी । लेकिन अब जब उनकी एसपीजी सुरक्षा हटा ली गई है और उन्हें Z प्लस सुरक्षा दी गई है ,ऐसे में उन्हें बंगला नहीं मिलता है । खबरों के अनुसार , प्रियंका गांधी इस बंगले के लिए महज 37 हजार रुपये प्रति महीने का किराया दे रही थीं । हालांकि साल 2000 में ही ये नियम बना दिया गया था कि जिस व्यक्ति के पास SPG सुरक्षा नहीं है, उसे किसी तरह का सरकारी बंगला नहीं दिया जाएगा । पहले तय हुआ था कि इस श्रेणी में बंगले को मार्केट रेट से 50 फीसदी अधिक के किराये के रुप में दिया जाएगा, लेकिन बाद में इसे 30 फीसदी तक कर दिया गया ।
बहरहाल , कांग्रेस मंत्रालय के इस फैसले पर बिफर गई है । पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले में कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साध रही हैं, इसी वजह से मोदी सरकार ने बदले में ये फैसला लिया है । वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस फैसले को वापस लेने को कहा है ।