नई दिल्ली । चिटफंड घोटाले के लेकर संसद-सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट में मचे हो-हल्ले के बीच भारतीय जनता पार्टी ने इस घोटाले के लोग विपक्षी दलों की स्थिति को स्पष्ट किया। केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्रकार वार्ता में कहा कि जिस शारदा चिटफंड- रोज वैली चिटफंड घोटालों को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब से पहले एक बयान तक नहीं दिया , जिन ममता जी ने इस घोटाले में अपने सांसदों की गिरफ्तारी पर कोई धरना-प्रदर्शन नहीं किया, आखिर वह एक पुलिस कमिश्नर के खिलाफ जांच से क्यों तिलमिला गईं। आखिर ऐसा क्या है कि वह मुख्यमंत्री होते हुए धरने पर बैठ गईं। असल में ऐसा किसी राजदार को बचाने के लिए ही हो सकता है, जिसके लिए ममता बनर्जी ठगबंधन के साथियों के साथ धरने पर बैठ गई हैं।
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रविशंकर प्रसाद ने इस दौरान तारीखों का हवाला देते हुए कुछ तथ्यों को मीडिया के सामने रखा। उन्होंने राहुल गांधी के 8 मार्च वर्ष 2014 के एक ट्वीट का जिक्र किया, जिसमें राहुल ने कहा था कि चिटफंड घोटाले में 20 लाख से ज्यादा लोगों ने अपना धन खोया है, यह दुखद है। वहीं उन्होंने 26 मई 2014 को मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के अस्तित्व में आने से पहले ही कांग्रेस और लेफ्ट के नेता इस चिटफंड घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा चुके थे, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे।
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भाजपा नेता ने कहा कि 26 मई 2014 को सत्ता में आने से पहले इस घोटाले को लेकर मामला दर्ज होने से लेकर जांच के लिए सीबीआई को निर्देश देने का काम हो चुका था, और हमपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि हम लोग इस मामले में सीबीआई का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और लेफ्ट की पार्टियां खुद इस घोटाले को लेकर जांच की मांग करती रहीं।
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वह बोले- पिछले लंबे अंतराल में ममता जी ने अपने नेताओं की गिरफ्तारी पर कोई टिप्पणी तक नहीं की। हालांकि कई मंत्रियों ने उनके खिलाफ ही टिप्पणी की लेकिन पुलिस कमिश्नर में ऐसी क्या बात है कि वह धरने पर बैठ गई। सीबीआई एक पुलिस कमिश्नर को गिरफ्तार करने गई उसके लिए तो ममता जी धरने पर बैठ गए। मदन मित्रा और अपने् दो सांसदों की गिरफ्तारी को लेकर तो कोई प्रतिक्रिया नहीं देती लेकिन एक पुलिस कमिश्नर की गिरफ्तारी को लेकर हुई कार्रवाई को विरोध में धरने में बैठ गईं।
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आलम यह है कि 26 अप्रैल 2013 को ममता की सरकार ने इस चिटफंड घोटाले को लेकर एसआईटी बनवाई थी। लेकिन आज इस एसआईटी के चीफ रहे राजीव कुमार को बचाने के लिए आज धरने पर बैठ गई हैं। यहां तक की पुलिस कमिश्नर खुद धरने पर बैठ गए हैं। ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ होगा। यह दुखद है। ममता जी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से धरने पर बैठना सीख गई हैं।