नई दिल्ली । RBI ने एक बार फिर आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती का फैसला लिया गया है । इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी पर आ गया है । असल में आरबीआई ने बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों का ऐलान कर दिया । आरबीआई के इस फैसले से अब बैंकों पर आपके होम और ऑटो लोन पर ब्याज दरें कम करने का दबाव बढ़ेगा । हालांकि यह ऐतिहासिक है जब आरबीआई ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में कटौती की है । इतना ही नहीं आरबीआई की ओर से रिवर्स रेपो रेट में भी कटौती की गई है । रिवर्स रेपो रेट घटकर अब 5.15 फीसदी हो गया है ।
बता दें कि आरबीआई की पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में रेपो रेट में क्रमश: 0.25 फीसदी की कटौती की चुकी है । लेकिन इस बार इसमें 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है । रिजर्व बैंक के इतिहास में यह पहली बार है जब गवर्नर की नियुक्ति के बाद से लगातार चार बार रेपो रेट में कमी आई है ।
रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) 4 फीसदी पर बरकरार रखा है. अगली पॉलिसी अब 4 अक्टूबर को पेश की जाएगी । रेट कट का ऐलान करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जून की बैठक के बाद ग्लोबल ग्रोथ में धीमापन आया है। मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेट कट के पक्ष में मतदान किया है ।
केंद्रीय बैंक के इस फैसले का लाभ उन लोगों को मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की EMI चल रही है । हालांकि आरबीआई के लगातार रेपो रेट घटाने के बाद भी बैंकों ने उम्मीद के मुताबिक ग्राहकों तक फायदा नहीं पहुंचाया है । यही वजह है कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से रेपो दर में कटौती का लाभ कर्जदारों को देने को कहा था।
विदित हो कि साल 2018 के दिसंबर महीने में उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद शक्तिकांत दास बतौर गवर्नर नियुक्त हुए थे । इसके बाद से अब तक 4 बार आरबीआई की मीटिंग हो चुकी है । इसी क्रम में आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए GDP के अनुमान को 7 प्रतिशत से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है । केंद्रीय बैंक की ओर से यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 8 फीसदी के जीडीपी ग्रोथ की प्रयास में जुटी है ।