नई दिल्ली। राफेल विमान डील पर फ्रांसीसी मीडिया के नए खुलासे से भारत में राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस इसके बाद केंद्र सरकार पर एक बार फिर से हमलावर हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बार प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें भ्रष्ट बताया है। राहुल के आरोपों के बीच राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट ने नए खुलासे पर सफाई पेश की है। दसाॅल्ट ने कहा कि रिलायंस के साथ करार भारतीय कानून के तहत ही हुआ और यह फैसला पूरी तरह से कंपनी की ओर से लिया गया था।
गौरतलब है कि फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने स्पष्ट कहा है कि कानून के हिसाब से ही दसॉल्ट ने रिलायंस के साथ मिलकर नागपुर में प्लांट लगाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि रिलायंस के साथ दसॉल्ट एविएशन का संयुक्त उपक्रम, विमान करार के तहत करीब 10 फीसदी आॅफसेट का प्रतिनिधित्व करता है।
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यहां बता दें कि दसाॅल्ट कंपनी ने कहा कि ‘वह करीब 100 भारतीय कंपनियों से इसके बारे में बात कर रहे हैं जिसमें से करीब 30 कंपनियों के साथ साझेदारी हो चुकी है। दसाॅल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की जगह रिलायंस को चुनने पर सफाई देते हुए कहा कि कंपनी भारत में लंबी साझेदारी करना चाहता है इसी वजह से यह फैसला लिया गया है।
गौर करने वाली बात है कि फ्रांसीसी वेबसाइट मीडियापार्ट ने डील का खुलासा करते हुए कहा कि रिलायंस के साथ करार को अनिवार्य बताया था। बता दें कि पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने कहा था कि दसॉल्ट के लिए भारत से रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर चुनने के अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था।