नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में करीब एक माह से जारी प्रदर्शन को लेकर अब कोर्ट की तरफ से भी बयान आ गया है । कोर्ट के आदेश के बाद इस प्रदर्शन को बंद कराने के लिए दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए रास्ता खाली करने की अपील की है , लेकिन लोग पुलिस की सुनने को तैयार नहीं है । लोगों ने कह दिया है कि उनका प्रदर्शन जारी रहेगा और वह अपनी जगह से नहीं हटेंगे । वहीं शाहीन बाग की तर्ज पर ही कई अन्य क्षेत्रों में इस प्रकार का प्रदर्शन शुरू हो गया है । वहीं जेएनयू हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की जांच जारी है । पुलिस आज भी हिंसा से जुड़े दो लोगों से पूछताछ करेगी । पुलिस की ओर से दो लोगों को नोटिस दिया गया है. पुलिस के अलावा FSL की टीम ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है।
बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में जारी प्रदर्शन अभी भी बदस्तूर जारी है । इस प्रदर्शन में अब पंजाब से भी लोग आकर जुड़ रहे हैं। पंजाब से भारतीय किसान यूनियन के कई प्रदर्शनकारियों बुधवार को यहां पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया । हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से हटने की अपील की है, लेकिन प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं हैं । विरोध में शामिल महिलाओं का कहना है कि मोदी सरकार अपना CAA वापस ले , उसके बाद ही जाकर वह प्रदर्शन की जगह से हटेंगे । जबतक ये काला कानून वापस नहीं होगा, प्रदर्शनकारी नहीं हटेंगे ।
इससे इतर जामिया यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है । बीते दिनों दिल्ली पुलिस के खिलाफ भी छात्रों ने प्रदर्शन किया था और पुलिस पर एक्शन की मांग की थी । दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा में आज की पूछताछ शुरू कर दी है। दोलान सामांता से पुलिस कैंपस में पूछताछ कर रही है । इसके अलावा FSL की टीम भी कैंपस पहुंची है, जो सर्वर से डाटा इकट्ठा करेगी ।
वहीं जेएनयू हिंसा में नाम आने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा कोमल शर्मा पहली बार सामने आई है । उसने राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखकर अपना पक्ष रखा है । कोमल का कहना है कि वीडियो और तस्वीरों में हाथ में डंडे लेकर दिखाई देने वाली लड़की वो नहीं है । दिल्ली पुलिस ने अपने जांच में पाया था कि वीडियो में दिख रही लड़की का नाम कोमल शर्मा है और वो डीयू की छात्रा है ।
बता दें कि जामिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा को एक महीना पूरा हो रहा है । इस मौके पर सोशल मीडिया पर #चलोजामिया का हैशटैग चलाया जा रहा है, जिसमें पुलिस के द्वारा छात्रों पर लिए गए एक्शन के खिलाफ प्रदर्शन करने की अपील की जा रही है । 15 दिसंबर को दिल्ली पुलिस जामिया कैंपस में घुसी थी, यूनिवर्सिटी का कहना है कि इसके लिए उन्होंने परमिशन नहीं ली थी ।