नई दिल्ली । महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी यानी NCP प्रमुख शरद पवार ने पिछले तीन दशकों में राज्य के साथ केंद्र की राजनीति में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। वह अपने राजनीतिक दांवपेच ने कई बार उनके विरोधियों को पस्त कर चुके हैं । एक बार फिर से राज्य में सियासी संकट है और चुनाव परिणाम आने के बाद से पवार को ही किंग मेकर कहा जा रहा है । हालांकि कुछ देर के लिए किंग मेकर की चाबी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास पहुंची थी पर पवार ने एक छोटा सा दांव लगाकर यह चाबी फिर अपने कब्जे में कर ली है । इस समय महाराष्ट्र सरकार गठन को लेकर शिवसेना जहां अपनी साख बचाने में जुटी है वहीं अपने विधायकों के दबाव में कांग्रेस भी सरकार का हिस्सा बनने को आतुर नजर आ रही है , लेकिन इस सब के बीच NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हमारे पास सरकार गठन के लिए पर्याप्त समय है, अभी सरकार बनाने पर कोई चर्चा नहीं हुई है ।
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NCP की चिट्ठी के बाद लगा राष्ट्रपति शासन
बता दें कि भाजपा - शिवसेना द्वारा सरकार नहीं बना पाने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार (11 नवंबर) शाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को सरकार बनाने का ऑफर दिया था । एनसीपी को दावा पेश करने के लिए मंगलवार रात 8.30 बजे तक का वक्त दिया गया था , लेकिन एनसीपी ने मंगलवार सुबह 11.30 बजे ही अपना पत्र राज्यपाल को भेज दिया और अधिक वक्त की मांग रखी । पार्टी ने कहा कि वह राज्यपाल द्वारा दिए समय में सरकार बनाने के लिए समर्थन पत्र हासिल नहीं हो पाएंगे , जिसके बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी । हालांकि इस सब के पीछे भी शरद पवार की एक चाल ही कही जा रही है ।
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शिवसेना का फॉर्मूला NCP ने उसी पर लगाया
असल में शिवसेना ने सरकार गठन के लिए अपने फॉर्मूले के तहत जो शर्ते भाजपा के सामने रखी थी , कुछ ऐसी शर्तों लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार अड़े हुए बताए जा रहे हैं । वह राज्य में दो सीएम बनाए जाने की मांग कर रहे हैं । वहीं उन्हें आदित्य ठाकरे बतौर सीएम मुफीद नहीं लग रहे हैं । वह पहले ही कर चुके हैं कि इस गठबंधन की सरकार को चलाने के लिए शिवसेना किसी वरिष्ठ नेता को आगे करे, लेकिन शिवसेना भी आदित्य ठाकरे को चुनावी चेहरा बताते हुए उन्हें सीएम बनाने के मुद्दे पर अड़ी है । इस सब के बीच शरद पवार इस समय अपना पावर प्ले मोड़ में आ गए हैं । यही कारण है कि उन्होंने बयान दिया कि सरकार बनाने की उन्हें कोई जल्दबाजी नहीं है , उनके पास बहुत समय है ।
महाराष्ट्र : सरकार गठन के 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना अपने ही दांव में उलझी , शरद पवार का 'पावर प्ले' शुरू
शिवसेना-कांग्रेस की कमजोरी देख रणनीति
असल में भाजपा - शिवसेना के बीच सीएम पद को लेकर हुए विवाद के तुरंत बाद शरद पवार दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे थे , लेकिन उस दौरान सोनिया गांधी ने शिवसेना के साथ गहरे वैचारिक मतभेद की बात कहते हुए किसी भी तरह के नए गठबंधन से इनकार कर दिया था । इस सब के बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायकों ने ऐलान कर दिया कि वह बिना समर्थन शिवसेना को समर्थन देने के इच्छुक हैं । इतना ही नहीं कांग्रेस को शिवसेना को समर्थन न देने की सूरत में पार्टी में टूट का डर भी सता रहा है। ऐसे में पवार ने अपने पांव थोड़ा पीछे खींचे और खुद किंग मेकर की चाबी थाम ली । वहीं शिवसेना राज्य में अपना सीएम बनाने की मांग पर अड़ी हुई है , जिसके चलते अब पार्टी की साख दांव पर लग गई है । वह अपनी सरकार बनाने के लिए सोनिया गांधी से बातचीत कर रहे हैं , तो कांग्रेस के नेताओं से मिलने भी पहुंच रहे हैं । शिवसेना इस समय अपने को अपने बनाए जाल में फंसी पा रही है। इस सब के चलते शरद पवार ने अपने दिमाग में एक सीक्रेट प्लान बनाकर तैयार रखा है, जिसकी बानगी आने वाले कुछ दिनों में नजर आएगी।