मुंबई । महाराष्ट्र में जहां संभावित ''नए गठबंधन'' के दल सरकार गठन के लिए जहां इन दिनों बैठकों का दौर चला रहे हैं , वहीं इस सब के बीच शनिवार शाम 4 बजे शिवसेना - एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं की राज्यपाल के साथ साझा बैठक टल गई है । हालांकि इन तीनों दलों के नेता राज्य में प्रशासनिक समस्याओं और राज्य के किसानों की समस्याओं को लेकर शनिवार राज्यपाल से मिलने वाले थे , लेकिन इस बैठक को फिलहाल टाल दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि ये तीनों दल राज्य की प्रशासनिक समस्याओं पर चिंतन के बहाने राज्यपाल से सरकार गठन के मुद्दे पर भी बात करने वाले थे , लेकिन फिलहाल यह बैठक टल गई है ।
मिली जानकारी के मुताबिक , तीनों दलों ने मिलकर राज्यपाल से मिलने का समय लिया था । सरकार गठन के मुद्दे पर तीनों दलों ने राज्य के लिए एक मिनिमम प्रोग्राम प्रोगाम बनाया है , जिसके साथ सीएम पद , मंत्रियों की संख्या और स्पीकर को लेकर भी मंथन कर लिया है । राज्य के अहम मुद्दों पर चर्चा के बहाने अब इन तीनों दलों के नेता शनिवार को सरकार गठन के मुद्दे पर राज्यपाल से मिलने वाले थे, लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक , सभी नेता निर्धारित समय पर राज्यपाल से मिलने नहीं जा रहे हैं , क्योंकि इस समय नेता अपने चुनावी खर्चा का ब्यौरा देने मे व्यस्त हैं । ऐसी इसलिए भी है क्योकिं इसकी समयसीमा भी शनिवार ही है ।
विदित हो कि कांग्रेस-शिवसेना और एनसीपी ने आपस में सरकार बनाने के लिए एक फॉर्मूला तैयार कर लिया है , वहीं सरकार चलाने के लिए एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी तैयार हो गया है । ऐसे में अब तीनों दलों के प्रमुख एक अंतिम दौर की बैठक करने वाले हैं , जिसके बाद गठबंधन का ऐलान होगा और समर्थन पत्र के साथ शिवसेना सरकार गठन के लिए राज्यपाल को पत्र लिखेंगे ।
पिछले दिनों राज्य में किसी भी दल द्वारा सरकार गठन में असमर्थता जताने पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की और उसी शाम राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया । हालांकि इस सब के बावजूद इस मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह ने साफ किया कि राष्ट्रपति शासन के बावजूद अगर कोई दल यह दावा करता है कि वह सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा पेश कर सकता है तो राज्यपाल उसे मौका देंगे । वहीं , सत्ता की दौड़ से दूर हो चुकी भाजपा ने शनिवार को फिर से ऐलान किया कि राज्य में सरकार तो भाजपा की ही बनेगी । पूर्व मुख्यमंत्री फणनवीस ने पार्टी नेताओं की एक बैठक में कहा कि हम ही राज्य में फिर से सरकार बनाएंगे । हालांकि उन्होंने इस दौरान दोबारा चुनाव की स्थिति में और मजबूत होकर सत्ता में आने की बात भी कही ।