नई दिल्ली । लोकसभा चुनावों में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने यूपी की 80 सीटों पर चुनाव लड़ा । विपक्षी दलों ने उम्मीद थी कि उपचुनावों में मिली जीत के बाद महागठबंधन इस बार करीब 50 सीटें पाएगा, लेकिन मोदी लहर इस बार भी बरकरार रही और गठबंधन महज 15 सीटों पर ही सिमट गया । बहरहाल, अब नई मोदी सरकार बन चुकी है , लेकिन यूपी में गठबंधन में शामिल दलों में अब तू तू- मैं मैं शुरू हो गई है । चुनावों के नतीजों की समीक्षा करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जैसा हमने सोचा था वैसे नतीजे नहीं मिले । उन्होंने दावा किया कि यादव वोट ट्रांसफर नहीं हो पाया है , लिहाजा, अब गठबंधन की दोबारा समीक्षा की जाएगी । इतना ही नहीं मायावती ने यहां तक कह दिया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पत्नी और भाई को भी चुनाव नहीं जिता पाए हैं । इतना ही नहीं मायावती ने ईवीएम में धांधली का भी आरोप लगाया ।
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2022 में 50 फीसदी वोट के लिए राजनीति
मायावती के इन बयानों के बाद कहा जा रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनावों तक सपा-बसपा का गठबंधन बरकरार नहीं रह पाएगा । जल्द ही इस महागठबंधन के टूटने की खबर आ सकती है । असल में मायावती ने सोमवार को दिल्ली में लोकसभा चुनावों की समीक्षा की। प्रदेश में पार्टी को 10 सीटें मिलने पर मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं की अखिल भारतीय स्तर पर मीटिंग बुलाई थी । इस बैठक में यूपी के सभी बसपा सांसदों और जिलाध्यक्षों ने शिरकत की । इस बैठक के बाद मायावती ने कहा कि पार्टी सभी विधानसभा उपचुनाव में लड़ेगी और अब वह भी 50 फीसदी वोट का लक्ष्य लेकर राजनीति करेगी ।
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छह राज्यों के चुनाव प्रभारियों की छुट्टी
मायावती ने समीक्षा बैठक से पहले रविवार को मायावती ने उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात और ओडिशा के लोकसभा चुनाव प्रभारियों को हटा दिया । इसके साथ ही उन्होंने तीन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को भी पद से बेदखल कर दिया । इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली और मध्य प्रदेश के बीएसपी अध्यक्षों को भी पद से बेदखल कर दिया ।
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ईवीएम में बड़ा घोटाला हुआ
समीक्षा बैठक से पहले यूपी के श्रावस्ती से नवनिर्वाचित बसपा सांसद राम शिरोमणि वर्मा ने फिर से ईवीएम राग अलापा है । उन्होंने ईवीएम घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में लंबे पैमाने पर घोटाला हुआ है । उन्होंने कहा कि हमने पहले भी यह मुद्दा उठाया है कि चुनाव बेलेट पेपर से होना चाहिए , बहरहाल , अब पार्टी सुप्रीमो हमें आगे के लिए जो आदेश देंगी हम उस का पालन करेंगे ।
2014 से बेहतर प्रदर्शन किया
भले ही मायावती इस बार यादव वोटों के उनके पक्ष में वोट नहीं करने की बात कह रही हों, लेकिन अगर इस लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी के प्रदर्शन को देखें तो बसपा ने इस बार अपने प्रदर्शन में बहुत सुधार किया है । इस बार महागठबंधन की जीती 15 सीटों में से 10 मायावती की पार्टी के हिस्से आईं हैं।