नई दिल्ली । अब देश के अन्य खिलाड़ियों की तर्ज पर देश के क्रिकेटर भी राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के दायरे में आ गए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) वर्षों से चली आ रही अवहेलना को खत्म करते हुए आखिरकार शुक्रवार को नाडा के दायरे में आने के लिए हामी भर दी है । अब सभी क्रिकेटरों का नाडा द्वारा डोप परीक्षण किया जाएगा । खेल सचिव राधेश्याम जुलानिया ने इसकी पुष्टि की है । BCCI के CEO राहुल जौहरी से शुक्रवार को मुलाकात के बाद जुलानिया ने कहा कि बोर्ड ने लिखित में दिया है कि वह नाडा की डोपिंग विरोधी नीति का पालन करेगा ।
जुलानिया की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक , BCCI ने डोप परीक्षण किट की गुणवत्ता, पैथोलॉजिस्ट की क्षमता और नमूना संग्रह के बारे में हमारे सामने 3 मुद्दे उठाए थे, जिसके बाद हमने उन्हें आश्वासन दिया कि वे जो भी सुविधाएं चाहते हैं, हम प्रदान करेंगे । हालांकि इसके लिए बीसीसीआई को कुछ फीस देनी होगी ।
विदित हो कि अब से पहले बीसीसीआई अपने क्रिकेटरों के डोप टेस्ट करवाए जाने से इनकार करता आया है । उसका दावा रहा है कि वो स्वायत्त निकाय है, कोई राष्ट्रीय खेल महासंघ नहीं और सरकार से फंडिंग नहीं लेता । हालांकि खेल मंत्रालय ने क्रिकटरों को भी नाडा के अंतरर्गत लाने की बातें कहीं हैं।
यह सहमति बीसीसीआई के उस निर्णय के बाद आई है, जिसमें उसने भारतीय टीम और मुंबई के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को डोपिंग रोधी नियमों के चलते निलंबित कर दिया था । इसके बाद नाडा ने स्पष्ट करते हुए कहा था कि बोर्ड के पास खिलाड़ियों का टेस्ट करने का अधिकार नहीं है ।