नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) प्रक्रिया पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया है । हालांकि, कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्र को एक नोटिस जारी किया है । बता दें कि कि सोमवार को NPR पर रोक लगाने संबंधी एक जनहित याचिका दायर की गई थी , जिसमें तर्क दिया गया कि आधार में डेटा की सिक्योरिटी की गारंटी है, लेकिन नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियमावली, 2003 के तहत इकट्ठा की जा रही जानकारी के दुरुपयोग से किसी भी सुरक्षा की गारंटी नहीं है । हालांकि कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इस पर रोक लगाने से मना कर दिया है ।
बता दें कि पिछले दिनों केरल सरकार ने NPR की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, सरकार ने अफसरों को आदेश जारी करते हुए कहा था कि उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो जनगणना के साथ एनपीआर का उल्लेख करेंगे । इतना ही नहीं केरल प्रशासन विभाग ने एनपीआर पर अपना रूख स्पष्ट करते हुए सभी डिस्टिक्ट कलेक्टरों को एक पत्र भेज दिया गया है । पत्र में बताया गया है कि सरकार ने राज्य में एनपीआर प्रक्रिया के संबंध में सभी गतिविधियों को रोक दिया है ।
बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर लोगों के मन में जो सवाल उठ रहे हैं , उसे लेकर गृह मंत्रालय ने बयान दिया है । सरकार का कहना है कि एनपीआर के दौरान किसी तरह का कागज या फिर बायोमेट्रिक जानकारी नहीं मांगी जाएगी । हालांकि पश्चिम बंगाल, केरल समेत कई विपक्षी शासित राज्यों ने एनपीआर प्रक्रिया के दौरान कागजों की मांग पर सवाल खड़े किए थे .
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि एनपीआर को लेकर जल्द ही एक प्रश्नों की लिस्ट जारी की जाएगी , लेकिन गृह मंत्रालय की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस प्रक्रिया में कोई सवाल नहीं पूछे जाएंगे ।