नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को कड़ी फटकार लगाई है । इस मामले में कोर्ट ने नागेश्वर राव द्वारा एके सिंह के तबादले को लेकर सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक से कहा कि ऐसा क्या आसमान फट गया था कि इतनी जल्दी में उनका तबादला करना पड़ा। कोर्ट ने नागेश्वर राव के बिना शर्त माफिनामे को नामंजूर करते हुए उनपर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इतना ही नहीं उनके प्रति कड़ा रुख रखते हुए कहा कि आज पूरे दिन जब तक कोर्ट की कार्यवाही चलेगी आप कोर्ट में एक कोने में बैठे रहेंगे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को निर्देश दिए थे कि वह इस मामले में किसी भी अफसर का तबादला कोर्ट को बिना बताए न करें। अगर किसी के तबादले की जरूरत भी पड़े तो उन्हें बंद लिफाफे में इसकी जानकारी दें। लेकिन बालिका गृहकांड मामले में अधिकारी एके सिंह का तबादला नागेश्वर राव ने बिना कोर्ट को सूचित किए किया। लेकिन नागेश्वर राव ने पूर्व संयुक्त निदेशक का तबादला कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इसे अवमानना का मामला समझते हुए उनके और एक अन्य अफसर के खिलाफ अवमानना का नोटिस भेजा था। नागेश्वर राव ने इस नोटिस पर बिना शर्त माफी कोर्ट में भेजी थी, लेकिन मंगलवार को कोर्ट ने इस माफिनामे को नामंजूर करते हुए उन्हें जमकर फटकार लगाई। कोर्ट में करीब 1 घंटे तक इस अवमानना मामले में सुनवाई चली । कोर्ट ने पूर्व सीबीआई चीफ के प्रति काफी सख्त रुख अख्तियार रखे कहा कि नागेश्वर राव ने जो अवमानना की है, उस मामले में उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। हालांकि कोर्ट ने ऐसा न करते हुए इस मामले में पूर्व सीबीआई के अंतरिम निदेशक समेत अन्य को पूरे दिन कोर्ट की कार्यवाही होने के दौरान एक कोने में बैठे रहने के आदेश दिए।