नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में जारी श्रीराम जन्मभूमि मामले की सुनवाई के अंतिम दिनों में सोमवार को मुस्लिम पक्षकारों ने अपनी दलील रखते हुए कहा कि उन्हें 6 दिसंबर 1992 से पहले जैसा अयोध्या चाहिए । मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील रखते हुए अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि हमें बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले जैसी स्थिति चाहिए । उन्होंने कहा कि हम हमेशा यह नहीं सोच सकते हैं कि 1992 नहीं हुआ । राजीव धवन ने अदालत में कहा कि श्रद्धा से जमीन नहीं मिलती है, स्कन्द पुराण से अयोध्या की जमीन का हक नहीं मिलता है. हिंदू पक्ष लगातार अदालत में श्रद्धा और पुराणों का जिक्र कर रहा है ।
विदित हो कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से पहले मुस्लिम पक्षकारों से कहा कि वह कोशिश कर अपनी दलीलें आज ही खत्म कर दें। इसके बाद तीन दिन हिंदू पक्षकारों को अपनी दलील रखने का मौका दिया जाएगा । हालांकि मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने कहा कि उन्हें आज के अलावा डेढ़ घंटे का समय और चाहिए होगा । इसके बाद राजीव धवन ने मुस्लिम पक्षकारों की दलीलों को रखते हुए कोर्ट पर ही कई सवाल खड़े कर दिए । उन्होंने कोर्ट में कहा कि आप हमेशा हमसे (मुस्लिम पक्ष) से सवाल करते हैं, जबकि उनसे (हिंदू पक्ष) से सवाल नहीं पूछे जा रहे हैं । हालांकि, अदालत की ओर से इस किसी तरह की टिप्पणी नहीं की गई ।
विदित हो कि कोर्ट में शेड्यूल के मुताबिक , मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील रखे जाने का सोमवार को आखिरी दिन है । सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुकी है कि वह 18 अक्टूबर के बाद वह किसी भी पक्ष को सुनवाई का मौका नहीं देगी । इस मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर को खत्म होनी है, 14 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष की दलील खत्म करनी है. 15-16 और 17 अक्टूबर को हिंदू पक्ष को अपने तर्क रखने हैं । इसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुरक्षित रख लेगा और करीब 4 सप्ताह के करीब समय में फैसला सुनाएगी ।