Wednesday, April 24, 2024

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सुप्रीमकोर्ट LIVE : कोर्ट ने पूछा- बताएं कहां है राम का जन्मस्थान ? रामलला के वकील बोले - ठीक बाबरी मस्जिद की गुंबद के नीचे

अंग्वाल न्यूज डेस्क
सुप्रीमकोर्ट LIVE : कोर्ट ने पूछा- बताएं कहां है राम का जन्मस्थान ? रामलला के वकील बोले - ठीक बाबरी मस्जिद की गुंबद के नीचे

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को भी रामजन्मभूमि विवाद के मामले में सुनवाई हुई । इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि रामलला का जन्मस्थान कहां है? जिसपर रामलला के वकील वैद्यनाथन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाबरी मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे वाले स्थान को भगवान राम का जन्मस्थान माना है । वकील ने कहा कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से विवादित स्थल पर उनका मालिकाना हक साबित नहीं किया गया था ।  हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि हिंदू जब भी पूजा करने की खुली छूट मांगते हैं तो विवाद होना शुरू होता है । रामलला की तरफ से वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन ने कहा कि 72 साल के मोहम्मद हाशिम ने गवाही में कहा था कि हिंदुओं के लिए अयोध्या उतना ही महत्व रखता है, जितना मुसलमानों के लिए मक्का।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में 5 जजों की पीठ रोजाना इस मामले की सुनवाई कर रही है । इस मामले में सप्ताह में 5 दिन सुनवाई हो रही है , जिसका पिछली सुनवाई पर  वक्फ बोर्ड की तरफ से विरोध किया गया था, हालांकि अदालत ने इस विरोध को स्वीकार नहीं किया । इस सब के बाद मंगलवार को एक बार फिर से रामलला के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी दलीलें पेश की । 


रामलला की तरफ से वकील वैद्यनाथन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने ही अपने एक फैसले में कहा था कि मंदिर के लिए मूर्ति होना जरूरी नहीं है. अब रामजन्मभूमि को लेकर जो आस्था है, वह सभी शर्तों को पूरा करती है । उन्होंने मुस्लिम पक्ष की दलील को पढ़ा और कहा कि उनके पास कोई सबूत नहीं है कि उनके पास कब्जा है या कब्जा चला आ रहा है ।  उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई स्थान देवता है, तो फिर उसके लिए आस्था मान्य होनी चाहिए । 

इससे पहले अयोध्या मामले की सुनवाई होने पर रामलला विराजमान की तरफ से के. परासरण ने कहा कि इस मामले को किसी तरह से टालना नहीं चाहिए, अगर किसी वकील ने ये केस हाथ में लिया है तो उसे पूरा करना चाहिए । बीच में कोई दूसरा केस नहीं लेना चाहिए।  के. परासरण ने अपनी दलीलें पूरी कर दी हैं. अब रामलला की तरफ से एस. सी. वैद्यनाथन अपनी दलील रख रहे हैं । वहीं एस. सी. वैद्यनाथन ने कहा कि मस्जिद से पहले उस स्थान पर मंदिर था, इसका कोई सबूत नहीं है कि बाबर ने ही वो मस्जिद बनाई थी. मुस्लिम पक्ष ने दावा किया था कि उनके पास 438 साल से जमीन का अधिकार है, लेकिन हाईकोर्ट ने भी उनके इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया था ।   

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