नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के फैसले अब अंग्रेजी के साथ हिंदी और 6 क्षेत्रिय भाषाओं में उपलब्ध होंगे । जुलाई के अंतिम सप्ताह तक अब शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर सभी फैसले 6 भाषाओं में पढ़े जा सकेंगे। अंग्रेजी हिंदी के साथ फैसलों की कॉपी असमी, मराठी, उड़िया, कन्नड़ और तेलुगु भाषा में उपलब्ध होगी । चीफ जस्टिस ने इसके लिए बनने वाले सॉफ्टवेयर को हरी झंडी दिखा दी है , जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की इन हाउस इलेक्ट्रॉनिक सॉफ्टवेयर विंग इसके लिए काम कर रही है ।
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बता दें कि कोच्ची में एक पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इस बात पर जोर दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के सभी फैसले अंग्रेजी के साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं में भी होने चाहिएं। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा था कि इससे गैर अंग्रेजी भाषी लोगों को भी लाभ पहुंच पाएगा । इतना ही नहीं DMK प्रमुख एमके स्टालिन ने मुख्य न्यायधीश से आग्रह किया है कि तमिल भाषा को उन क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में स्थान दें , जिनमे कोर्ट आर्डर की प्रति अनुवादित की जा सकती है । उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट आर्डर की प्रति तमिल में अनुवादित हो पाएगी तो इससे तमिलनाडु के लाखों लोगों को फायदा होगा ।
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इस सब के बाद अब जाकर चीफ जस्टिस ने इस मांग को अपनी हरी झंडी दिखा दी है , जिसके बाद इससे संबंधित सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, शुरुआत में सिविल मैटर जिनमें दो लोगों के बीच विवाद हो, क्रिमिनल मैटर, मकान मालिक और किरायेदार का मामला और वैवाहिक विवाद से संबंधित मामले के फैसले को क्षेत्रीय भाषाओं में अपलोड किया जाएगा ।
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हालांकि स्टालिन ने यह आग्रह सीजेआई के उस बयान के बाद किया है, जिसमे उन्होंने कहा है कि उनका प्रयास है कि दक्षिण भारत के लोगों को कोर्ट आर्डर की प्रति 5 क्षेत्रीय भाषाओं में दी जा सकेगी । स्टालिन ने सीजेआई के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि ऐसा होने जा रहा है, मगर साथ ही दुख भी है कि 5 क्षेत्रीय भाषाओं जिनमे अनुवादित प्रति को वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, उसमें तमिल भाषा शामिल नहीं है ।
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