नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलावर को नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को जमकर झाड़ लगाई । शीर्ष अदालत ने आम्रपाली बिल्डर मामले में प्राधिकरण के काम करने के तरीके पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि वह बिल्डर के प्रोजेक्ट में तैयार घरों को उनके मालिकों को जल्द से जल्द दे । इतना ही नहीं कोर्ट ने आदेश दिए कि फ्लैट के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी जल्द से जल्द शुरू की जाए ताकि लंबे समय से अपना घर का सपना संजोए लोगों की मुराद पुरी हो सके । अब आशा व्यक्त की जा रही है कि लंबे समय से अधूरे पड़े आम्रपाली बिल्डर के प्रोजेक्ट में बने घर जल्द लोगों को अलॉट हो सकेंगे । सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश जारी करते हुए कहा कि हम कोई कागजी शेर नहीं हैं, हम ठोस कार्रवाई करते हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आम्रपाली समूह मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को जमकर फटकार लगाई । उन्होंने बिल्डर समूह के प्रोजेक्ट में तैयार फ्लैट जल्द से जल्द उनकी बुकिंग करने वालों को देने का आदेश दिया । मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा अथॉरिटीज आम्रपाली के घर खरीदारों के फ्लैट्स के रजिस्ट्रेशन का काम शुरू कर दें। कोर्ट ने मामले में अथॉरिटीज को फटकार लगाते हुए कहा है कि अगर पजेशन में उनकी ओर से कोई देरी होती है तो अधिकारियों को जेल तक भेजा जा सकता है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान अथॉरिटीज ने कहा है कि आम्रपाली के घर खरीदारों से जुड़े मामलों के लिए स्पेशल सेल बनाई गई है और कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
विदित हो कि 24 जुलाई को हुई सुनवाई के बाद फ्लैट खरीदारों के लिए एक असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी । सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के सभी प्रॉजेक्टों से बिल्डर का अधिकार खत्म कर दिया है और इस अधिकार की जिम्मेदारी कोर्ट रिसीवर को दे दी गई थी। साथ ही कोर्ट ने अथॉरिटी को आदेश दिया था कि पैसों की वजह से अथॉरिटी जिन प्रॉजेक्टों के सीसी जारी नहीं कर रही थी, उनके सीसी जारी करने होंगे। कोर्ट का कहना था कि अथॉरिटी अपना पैसा बिल्डर की निजी प्रॉपर्टी बेचकर वसूले। अधूरे प्रॉजेक्ट को पूरा करने का काम एनबीसीसी करेगा। कोर्ट के इस फैसले से बायर्स के मन में कई सवाल थे, साथ ही कंफ्यूजन की स्थिति भी बनी हुई है।