नई दिल्ली । कर्नाटक की कुमार स्वामी सरकार के 10 बागी विधायकों की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई । इस दौरान कोर्ट ने विधायकों को निर्देश दिए कि वह अपने इस्तीफे के निर्णय संबंधी सूचना को गुरुवार शाम 6 बजे तक स्पीकर के समक्ष पेश होकर रखें। कोर्ट ने स्पीकर को निर्देश दिए कि वह भी इस मुद्दे पर आज ही फैसला लें । इसके बाद कोर्ट ने कहा कि स्पीकर के आदेश की कॉपी शुक्रवार को कोर्ट में पेश की जाए । इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के डीजीपी को आदेश दिए कि वह स्पीकर से मिलने के लिए जाने वाले बागी विधायकों को पूरी सुरक्षा प्रदान करें ।
कर्नाटक संकट - स्पीकर रमेश कुमार बोले - मुझसे मिलने कोई विधायक नहीं आया , 13 में से 8 विधायकों के इस्तीफे नियमानुसार नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जहां उन्हें स्पीकर से मिलने के लिए कहा , वहीं स्पीकर को भी निर्देश दिए कि वह इन विधायकों के इस्तीफे को लेकर फैसला आज ही लें । कोर्ट के इस फैसले को सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के लिए झटका माना जा रहा है । विदित हो कि याचिकाकर्ता बागी विधायकों ने दलील दी थी कि मुख्यमंत्री अल्पमत में हैं और विश्वास मत हासिल करने से इनकार कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने संविधान में प्रदत्त लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने असाधारण अधिकार को क्रियान्वित करने की मांग की । उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायकों का कहना था - विधायिका का कोई भी निर्वाचित सदस्य अपनी अंतरात्मा की आवाज या अन्य जरूरी परिस्थितियों के आधार पर अपनी सदस्यता से इस्तीफा देने का हकदार है ।
मोदी सरकार ने 312 केंद्रीय कर्मचारियों पर गिराई 'बिजली' , लापरवाही - कामचोरी के चलते किया जबरन रिटायर
वहीं कर्नाटक मुद्दे पर कांग्रेस ने राज्यसभा में हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया । गोवा और कर्नाटक मामले पर गुरुवार को कांग्रेस ने संसद में प्रदर्शन भी किया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस नेताओं ने संसद स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके हाथ में 'लोकतंत्र बचाओ' लिखी तख्तियां भी थीं ।