नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अयोध्या से जुड़े श्रीराम जन्मभूमि विवाद मामले में अंतिम दिन दलीलों का दौर चलेगा । पिछले करीब 7 दशक से देश की अदालतों में चल रहे इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में अंतिम दौर की सुनवाई हो रही है । हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों द्वारा पिछले 40 दिनों में अपनी अपनी दलीलें पेश करने के बाद आज के दिन दोनों पक्ष अंतिम बार कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे । इसके बाद कोर्ट 18 अक्तूबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाने के लिए दिन का ऐलान कर सकती है । इसी के साथ देश में एक बार फिर से आने वाले दिनों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज नजर आएंगी ।
आज कोर्ट में क्या होगा
विदित हो कि पिछले 40 दिनों में इस मामले के हिंदू और मुस्लिम पक्षकार अपनी अपनी दलीलें कोर्ट में रख चुके हैं। कोर्ट पहले की कह चुकी है कि वह 18 अक्तूबर के बार किसी भी पक्ष को दलील रखने का मौका नहीं देगी । ऐसे में आज बुधवार को सुनवाई का अंतिम दिन होगा । कोर्ट में सुबह हिंदू पक्षकार अपनी दलीलें पेश करेंगे , जिसके बाद अंतिम समय में मुस्लिम पक्षकार को अपनी बात रखने के लिए 1 घंटे का समय मिलेगा ।
6 अगस्त से जारी है रोजाना सुनवाई
बता दें कि गत 6 अगस्त से इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में सप्ताह में 5 दिन हो रही है । इस दौरान सभी हिंदू पक्ष, मुस्लिम पक्षकारों ने अपनी दलीलें पेश की हैं। जहां हिंदू पक्ष के वकीलों ने ASI की रिपोर्ट, पुराण, ग्रंथ, भावनाओं का हवाला दिया , वहीं मुस्लिम पक्ष की ओर से भी ASI की रिपोर्ट, मौजूदा स्थिति और इस्लामिक इतिहास का हवाला देकर अदालत का रुख अपनी ओर करने का प्रयास किया गया है ।
इतिहास मं दर्ज हो जाएगा सीजेआई का फैसला
देश की आजादी के बाद से पिछले करीब 7 दशक से यह मामला देश की अलग अलग कोर्ट में चलता रहा है , लेकिन इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई एक ऐतिहासिक फैसला सुनाएंगे । उन्होंने खुद इस बात के संकेत दिए हैं कि वह अपनी सेवानिवृत्ति से पहले इस मामले में फैसला सुना देंगे । इसी लिए उन्होंने सभी पक्षों को अपनी दलीलें 18 अक्तूवर तक रखने की बात कह चुके हैं। इसे बाद वह किसी भी पक्ष को सुनवाई का मौका नहीं देंगे। इसके बाद इस ऐतिहासिक फैसले को लिखने के लिए चार सप्तार का समय चाहिए होगा ।
ये सभी होंगे इतिहास के पन्नों में
इस मामले की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में बनी संविधान पीठ में जस्टिस एस.ए. बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए नज़ीर भी शामिल हैं.। श्रीराम जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट की इस संविधान पीठ का फैसला आने के बाद ये सभी न्यायमूर्ति भी इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लेंगे ।