नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिक गृह मामले में एक अहम फैसला लेते हुए इस मामले को पटना की कोर्ट से दिल्ली की साकेत कोर्ट स्थित स्पेशल पोक्सो कोर्ट में शिफ्ट कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि इस मामले की अब प्रतिदिन सुनवाई करते हुए मामले का निपटारा आगामी 6 माह में पूरा करे। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को भी फटकार लगाते हुए कहा कि आखिर उसने बिना कोर्ट से पूछे इस मामले की जांच कर रहे अफसर का तबादला कैसे कर दिया। वहीं CBI ने कोर्ट को बताया है कि उसने इस मामले में 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है।
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नीतीश सरकार को लगाई फटकार
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर बालिक गृह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को भी फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने इस दौरान राज्य सरकार से पूछे गए सवालों के जवाब जल्द से जल्द देने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि आखिर बालिका गृह में रहने वाले बच्चों के साथ ऐसा शर्मनाक व्यवहार कैसे किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि हम सरकार नहीं चला रहे हैं लेकिन हम जानना चाहते हैं कि आप सरकार कैसे चला रहे हैं? फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि आप कुछ कठिन सवालों के लिए तैयार रहिए।
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चीफ सेक्रेटरी को यहां खड़ा कर सकते हैं
इस मामले मे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सरकार को फटकार लगाने के साथ ही कहा कि दिल्ली से पटना का हवाई सफर मात्र 2 घंटे का है । ऐसे में हम सवाल-जवाब के लिए राज्य के चीफ सेक्रेटरी को भी दिल्ली बुला सकते हैं।
सरकार के वकील को कहा- दूसरे अफसर को बुलाए
इस दौरान CJI ने सुप्रीम कोर्ट में आए बिहार सरकार के वकील को भी फटकार लगाते हुए कहा कि अगर इस मामले से जुड़ी अहम सारी जानकारियां आप देने में सक्षम नहीं हैं तो किसी ऐसे अफसर को बुलाएं, जो सवालों का जवाब दे सके।
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