मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद जब राजनीतिक दल सरकार गठन के लिए जुगत लगा रहे थे , इस दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के फोन की टैपिंग हुई थी । इस बात का खुलासा होने के बाद शिवसेना नेता ने कहा कि मुझे भाजपा के नेता ने इस बारे में जानकारी दी थी । वहीं फोन टैपिंग की खबरें बाहर आने के बाद अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं । मुंबई की साइबर सेल अब इस मामले की जांच करेगी । खबर है कि उद्धव ठाकरे , शरद पवार समेत संजय राउत व कुछ अन्य नेताओं की फोन टैपिंग उस दौरान की गई जब भाजपा-शिवसेना के गठबंधन में दरार आ गई थी और शिवसेना विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात कह चुकी थी ।
बता दें कि इस बार के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को राज्य की जनता ने जनमत दिया था , लेकिन शिवसेना ने अपना मुख्यमंत्री बनाए जाने की जिद पर अड़ते हुए गठबंधन से अलग होने का फैसला लिया था । भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए 50-50 के फॉर्मूले को मानने से इनकार कर दिया था , जिसके बाद शिवसेना ने विफक्षी दल (एनसीपी-कांग्रेस) के साथ मिलकर सरकार बनाने की जुगत लगाना शुरू कर दिया था ।
अब खबर है कि इस दौरान जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सरकार गठन को लेकर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और अन्य नेताओं से बातचीत कर रहे थे तो उस दौरान उनके और पवार समेत संजय राउत व अन्य नेताओं की फोन टैपिंग की गई थी । इस सब के बीच शुक्रवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर लिखा- आपके फोन टैप हो रहे है.. ये जानकारी मुझे भाजपा एक वरिष्ठ मंत्रीने भी दे रखी थी. मैने कहां था..भाई साहेब..मेरी बात अगर कोई सुनना चाहता है. तो स्वागत है..मै बाळासाहेब ठाकरेजी का चेला हूं. कोई बात या काम छुप छुपकर नही करता..सुनो मेरी बात...
बहरहाल, इस मामले में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं । उन्होंने कहा कि अगर फोन टैपिंग के आरोप सच हैं तो यह सही में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से जुड़ा मामला है । हमने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस मामले की जांच साइबर सेल को दे दी है । पिछली सरकार के दौरान जिस किसी की भी फोन टैपिंग हुई , उन सभी मामलों की जांच की जाएगी ।