नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा में नागरिक संशोधन विधेयक को पास करवा दिया है। अब बुधवार को यह विधेयक राज्यसभा में लाया जाएगा। इस सब के बीच अमेरिका के एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर एक बड़ा बयान दे डाला है । आयोग ने अमित शाह पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है । इस अमेरिकी आयोग के बयान पर भारतीय गृहमंत्री को लेकर दिए गए बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है । भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस दौरान कहा कि USCIRF का जो पुराना इतिहास रहा है, उसे आधार बनाकर देखा जाए तो उनका यह बयान ज्यादा चौंकाने वाला नहीं है । भारत सरकार इस आयोग के बयान की कड़ी निंदा करती है ।
बता दें कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता केंद्रीय आयोग ने इस विधेयक के पास होने पर भारत सरकार के गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ अमेरिका से प्रतिबंध लगाने की भी मांग की। हालांकि अमेरिकी सरकार के उनकी इस मांग पर कोई बयान तक नहीं दिया। संस्थान की ओर से CAB, NRC की निंदा की गई है और इसे भारत में मौजूद मुस्लिमों के खिलाफ एक्शन से जोड़ा है।
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मंगलवार को इस मसले पर सरकार का बयान जारी किया । USCIRF के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा- आयोग का बयान हैरान नहीं करता क्योंकि उनका रिकॉर्ड ही ऐसा है । हालांकि, ये भी निंदनीय है कि संगठन ने जमीन की कम जानकारी होने के बाद भी इस तरह का बयान दिया है।USCIRF ने जो बयान दिया वह ठीक नहीं है । ना ही इसकी जरूरत थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह बिल उन धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देता है जो पहले से ही भारत में आए हुए हैं। भारत ने ये फैसला मानवाधिकार को देखते हुए लिया है । इस प्रकार के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए, ना कि उसका विरोध करना चाहिए। नागरिकता संशोधन बिल किसी तरह से भारत में रह रहे लोगों को प्रभावित नहीं करता है ।
उन्होंने कहा – इस आयोग ने अपने बयान में भारत सरकार को जो सुझाव दिए हैं, वह सरासर गलत हैं। हर देश को अपनी पॉलिसी के तहत कानून बनाने का अधिकार है, जिसमें अमेरिका भी शामिल है ।