नई दिल्ली । देश में पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों ने इन दिनों विपक्ष के हाथ में मोदी सरकार को घेरने का हथियार दे दिया है। जहां एक ओर मोदी सरकार के मंत्री तेल की कीमतों में वृद्धि को रोकने में खुद को असमर्थ बता रहें हैं, वहीं विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इस सब के बीच सोशल मीडिया में मोदी की नीतियों के समर्थन में आए लोगों का कहना है कि भले ही मोदी सरकार तेल की कीमतों में कटौती न करें, लेकिन पेट्रोल पंपों पर होने वाली घटतौली से जनता को निजात दिलाए। सोशल मीडिया पर ही वायरल हो रहे एक मैसेज में कहा जा रहा है कि भले ही सरकार पेट्रोल पंपों पर तेल भरने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले काले रंग के पाइप को बदलवा दे, ताकि लोग देख सकें कि उनकी गाड़ी में कितना तेल गिर रहा है।
आखिर क्या है जनता की मांग
असल में सोशल मीडिया में पिछले कुछ दिनों से एक मैसेज काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पेट्रोल पंपों पर तेल डालने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले काले रंग के पाइप को लेकर चर्चा हो रही है। इस तरह की एक पोस्ट में लिखा गया है कि -- मुझे सरकार से एक ही बात कहनी है , पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने का जो पाइप आता है,वह काले कलर का है, सिर्फ वो पाइप बदलकर उसके बदले में पारदर्शी पाइप लगाने की कृपा करें, ताकि पेट्रोल भरते समय ग्राहक को दिख सके कि उसके वाहन में कितना पेट्रोल गिर रहा है । यदि आप मेरी बात से सहमत हो तो कृपया सभी ग्रुप एवं दोस्तों को भेजने की कृपा करें । धन्यवाद
इस खूबसूरत द्वीप पर पुरुषों की एंट्री है बैन, महिलाएं घूम सकती हैं होकर ‘बेफिक्रे’
क्यों हो रहा है काले पाइप का विरोध
बता दें कि देश के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर तेल डालने के लिए एक काले रंग के पाइप का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ पेट्रोल पंप के कर्मचारी इस काले रंग के पाइप की आड़ में कम पेट्रोल डालने का खेल खेलते हैं। इस पाइप के आखिरी में लगी एक नोजल पर तेल गाड़ी में जाता हुआ दिखता है, लेकिन कई बार देखने में आता है कि पेट्रोल पंप कर्मी घटतोली के चलते इस नोजल को भी ग्राहक को देखने नहीं देते। कई बार मशीनों में गड़बड़ी करके या कई बार ग्राहकों को दूसरी बातों में उलझाकर पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारी रकम की कीमत का तेल वाहन में नहीं डालते । इस घटतोली से जहां ग्राहक को नुकसान होता है, वहीं पंप कर्मचारी की साठगांठ के चलते वह लोगों कई लोगों को चूना लगाकर अपनी जेब गर्म करते हैं।
लोगों का ये है कहना
पंपों पर मशीन से जुड़े काले पाइप की जगह पारदर्शी पाइप की मांग कर रहे लोगों का कहना है कि इस पाइप की मदद से ग्राहकों को साफ दिख सकेगा कि उनकी गाड़ी में कितना तेल डाला जा रहा है। इतना ही नहीं कई बार पाइप गाड़ी में डाले रखने और मशीन बंद कर देते की धोखाधड़ी से भी इस पाइप के जरिए बचा जा सकेगा। लोगों का कहना है कि इस पाइप की मदद से पंपों पर काम करने वाली कुछ शातिर कर्मचारियों की साठगांठ को तोड़ा जा सकता है। इतना ही नहीं इन लोगों का कहना है कि भले ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के चलते देश में तेल की कीमतें आसमान छूं रही हों, लेकिन उन्हें उनकी कीमत के बराबर तेल जरूर मिले।
यहां लोगों को नाम नहीं बल्कि संगीत की धुन से बुलाते हैं, जानें इस जगह के बारे में
जानें आखिर कैसे होती है पंप पर ठगी
-असल में कुछ पेट्रोल पंपों पर कर्मचारी मशीनों के अंदर एक चिप फिट कर देते हैं। यह जो एक छोटे रिमोट के साथ जुड़ी होती है। यह रिमोट पेट्रोल पंप का सेल्समैन अपने हाथ में या जेब में रखे रहता है। वाहन में पेट्रोल डालते वक्त वह एक बटन दबाता है तो मशीन में से वाहन की टंकी में कम पेट्रोल गिरता है, जबकि तेल डलवाने आए शख्स का सारा ध्यान मीटर की रीडिंग पर रहता है, जो सही दिखती है। अगर कोई व्यक्ति पेट्रोल की मात्रा चेक करने वाला मिल जाता है तो रिमोट का बटन दोबारा दबाते ही उसे नार्मल कर दिया जाता और टंकी में पूरा तेल चला जाता है। यानी पकड़े जाने की गुंजाइश बहुत कम।
- अगर आप अपनी गाड़ी में 1000 रुपये का तेल डलवाते हैं तो तेल डालने में करीब 40 सेकेंड का समय तो लगेगा। अब इस दौरान आपका पूरा ध्यान मीटर की रीडिंग पर होगा और इस सब के बीच अगर पंप का कर्मचारी 10 सेकेंड के लिए भी पंप के हैंडल को बंद कर दे तो आपका 150-200 रुपये की चपत लग जाती है। अब कितना तेल आपकी गाड़ी में गया , इसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते।
ताजमहल का दीदार हो सकता है महंगा, बाहरी और अंदरूनी हिस्सों के लिए लेना होगा अलग-अलग टिकट
- कई बार जैसे ही आप तेल डलवाने के लिए कर्मचारी को कहते हैं और वो पाइप लेकर आपकी और बढ़ता है, इतने में एक अन्य कर्मचारी या रुपये लेने वाला कर्मचारी आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। इस बीच कर्मचारी आपको जीरो नहीं दिखाता और कुछ ही सेकेंड में आपकी बताई राशि के अनुसार तेल डालने की बात कही जाती है। आप भी अपना भुगतान करने के बाद निकल जाते हैं। जबकि इस सब के बीच कई बार पंप कर्मचारी पुराने ग्राहक को डाले गए तेल की रीडिंग से आगे बढ़ाते हुए आपकी गाड़ी में तेल डाल देते हैं।
कैसे बचें तेल की चोरी से
1- जहां तक हो सके डिजिटल मीटर वाली मशीनों से तेल भरवाएं, पुरानी मशीनों में आज भी घटतोली की आशंकाएं बनी रहती हैं, जिसे आप आसानी से पकड़ भी नहीं सकते।
2- अगर पंप पर मीटर काफी तेज चले तो समझ लें कि कुछ गड़बड़ी है। इस सब के पीछे भी कई पेट्रोल पंपों पर खेल होता है। ऐसे में कर्मचारी से तेल धीरे-धीरे डालने को कहें।
3- कभी भी अपनी गाड़ी में राउंड फिगर में तेल न भरवाएं। मसलन 100 , 200 , 500 , 1000 । आप पंप कर्मचारी को 5 लीटर , 10 लीटर या 320 रुपये , 660 रुपये या 865 रुपये का तेल डालने को कहें। जांच में सामने आया है कि कई पेट्रोल पंप जो घटतोली के मामलों में पकड़े गए, उन्होंने अपनी मशीनों में राइंड फिगर की रकम के लिए मशीनों से छेड़छाड़ की थी, जिससे तेल कम डलता था।
4- जहां तक हो सके अपनी गाड़ी से उतरने के बाद ही पंप कर्मचारी को तेल डालने की रकम बताएं और अपने सामने तेल डलवाएं। इससे कर्मचारी कोई भी धांधली करने से कतराते हैं। अधिकांश मामलों में घटतोली उन ग्राहकों के साथ होती है, जो गाड़ी में बैठे-बैठ कितने का तेल डालना है बता देते हैं और मशीन पर जीरों देखने में भी कोई इच्छा नहीं दिखाते।
5- तेल डलवाते समय मीटर की रिंडिंग के साथ तेल के पाइप पर आगे लगी नोजल पर भी अपनी नजर रखें, देखते रहें कि तेल वाहन में जा रहा है या नहीं।
टीआरएस का वोटरों को साधने का अनोखा तरीका, धार्मिक स्थानों में दिला रहे शपथ