नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव में सम्मानजनक सीटें नहीं मिलने पर एनडीए से अलग होने वाली पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में ही दरार पड़ने लगी है। पार्टी के मुखिया उपेन्द्र कुशवाहा के फैसले से नाराज 2 विधायक और एक विधान पार्षद ने एनडीए में ही बने रहने का फैसला लिया है। शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए ललन पासवान, सुधांशु शेखर और संजीव श्याम सिंह ने रालोसपा अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से एनडीए का साथ छोड़ा है। विधान पार्षद संजीव श्याम ने उन्हें असली रालोसपा मानने से ही इंकार कर दिया।
गौरतलब है कि बिहार में जनता दल युनाइटेड से ज्यादा सीटों की मांग की बात नहीं बनने पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी एनडीए के गठबंधन से अलग हो गई। गठबंधन से अलग होने के बाद कुशवाहा ने भाजपा पर कई तरह के आरोप लगाए थे। अब उनकी पार्टी के नेता ही उनकी बात नहीं मान रहे हैं।
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यहां बता दें कि रालोसपा के ललन पासवान, सुधांशु शेखर और संजीव श्याम सिंह ने अपने ही पार्टी अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा उन्हांेने निजी कारणों की वजह से एनडीए का साथ छोड़ा है। एमएलसी संजीव श्याम ने कहा कि असली रालोसपा हमलोग हैं। विधानमंडल में पार्टी के 3 ही सदस्य हैं और हम तीनों साथ हैं और एनडीए में हैं। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे व्यक्तिवादी राजनीति करते हैं। हमलोग पार्टी के सिंबल और ऑफिस पर दावा करते हैं और जरूरत पड़ी तो इसके लिए चुनाव आयोग जाएंगे।