नई दिल्ली । पिछले दिनों देश को हिलाकर रख देने वाले हैदराबाद के दिशा गैंगरेप और हत्याकांड मामले के बाद आंध्र प्रदेश (Andhra pradesh )सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर एक एक्ट विधानसभा से पारित कर चुकी है। इस 'दिशा एक्ट' के तहत 21 दिन के भीतर गैंगरेप और हत्या जैसे मामलों का ट्रायल पूरा करके फांसी की सजा देने का भी प्रावधान रखा गया है। इस एक्ट की निगरानी के लिए अब सरकार ने दो महिला अफसरों की नियुक्ति भी कर दी है । IAS डॉक्टर कृतिका शुक्ला और IPS एम. दीपिका को इस कानून से जुड़े मामलों के लिए स्पेशल अफसर अपॉइन्ट किया गया है।
बता दें कि गत पिछले साल के अंतिम माह में हैदराबाद में एक महिला वैटनरी डॉक्टर का गैंगरेप करने के बाद चार युवकों ने हत्या कर दी थी । इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जांच के दौरान घटना का सीन दोबारा रीक्रिएट करने के दौरान जब चारों युवक भाग रहे थे तो पुलिस ने उन्हें मुठभेड़ में ढेर कर दिया था ।
इस घटना के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने पिछले साल दिसंबर में इस तरह के मामलों में दोषियों को जल्द सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए दिशा एक्ट पारित किया। इसके तहत 21 दिनों के भीतर ट्रायल पूरा कर फांसी की सजा देने का भी प्रावधान रखा गया है । आंध्र प्रदेश विधानसभा ने 13 दिसंबर को इस कानून को पास किया, जिसे 'आंध्र प्रदेश दिशा एक्ट' नाम दिया गया।
इस एक्ट की निगरानी के लिए अब सरकार दो महिला अफसरों की नियुक्ति कर दी है । इसमें जहां एक IAS डॉक्टर कृतिका शुक्ला इस समय महिला एवं बाल विकास में बतौर निदेशक तैनात हैं, जिन्हें 'दिशा' स्पेशल अफसर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है । वहीं दूसरी महिला पुलिस अफसर एम. दीपिका हैं , जो कुरनूल में एएसपी के पद पर तैनात थीं। उनका वहां से तबादला करके 'दिशा' के लिए बतौर स्पेशल अफसर तैनात किया गया है ।
आंध्र प्रदेश सरकार सभी 13 जिलों में स्पेशल कोर्ट का गठन करेगी । इन विशेष अदालतों में महिलाओं व बच्चियों से जुड़े अपराध, रेप के मामले, सोशल मीडिया पर उत्पीड़न और एसिड अटैक से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी । इस कानून के अनुसार, 14 दिनों के भीतर ट्रायल पूरा कर लिया जाएगा और 21 दिन में अदालत फैसला सुनाएगी ।
वहीं इस एक्ट के तहत दोषी के लिए अपील करने का समय 6 माह से घटाकर मात्र 45 दिन कर दिया गया है।