नई दिल्ली । भारत में इन दिनों पाकिस्तान पोषित आतंकवाद के खिलाफ जहां गुस्सा चरम पर है। वहीं संसद में आतंकी हमले के दोषी रहे अफजल गुरू के 18 वर्षीय बेटे गालिब गुरू की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। आतंकी हमले के साजिशकर्ता के तौर पर मौत की सजा पा चुके अफजल गुरू के बेटे ने कहा कि मुझे भारतीय होने पर गर्व है। इस 18 वर्षीय युवक का कहना है कि पिता को फांसी दिए जाने के बाद उसे बदला लेने के लिए बहुत उकसाया गया। मेरा ब्रैन वॉश करने करने के कई प्रयास किए गए। जो संगठन इस काम में लगे थे वो चाहते थे कि मैं आतंकी बनाकर भारत के खिलाफ आतंकी वारदातों को अंजाम दूं । गालिब का कहना है कि हमने अपनी गलतियों से बहुत सीखा है। यही कारण रहा कि हम इन आतंकियों की साजिश का शिकार बनने से बच गए। इस सब के लिए वह अपनी मां का आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने उसे आतंकवादी बनने से बचा लिया।
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बता दें कि गालिब, इन दिनों जम्मू कश्मीर के गुलशनाबाद में अपने नाना गुलाम मुहम्मद और मां तबस्सुम के साथ रहता है। न्यूज एजेंसियों से हुई बातचीत में गालिब गुरू ने कहा कि आज मैं अपनी पहचान बता सकता हूं, मेरे पास मेरा आधार कार्ड है। मैंने 12वीं की परीक्षा में अच्छे नंबर पाए हैं और अब 5 मई को होने वाली मेडिकल परीक्षा में बैठने जा रहा हूं। अगर में इस परीक्षा को पास कर लेता हूं तो भारत में रहकर मेडिकल की पढ़ाई करूंगा , अगर नहीं चुना गया तो कहीं विदेश में जाकर पढ़ना चाहूंगा। इसके लिए मुझे पासपोर्ट की जरूरत है। मैंने पासपोर्ट के लिए आवेदन भी किया है।
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गालिब गुरू ने कहा कि तुर्की के एक कॉलेज से मुझे स्कॉलरशिप भी मिल सकती है। लेकिन विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने और विदेशी विश्वविद्यालय से छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए उन्हें भारतीय पासपोर्ट की जरूरत है। गालिब का कहना है कि मेरे पिता भी डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन वह अपना मेडिकल करियर पूरा नहीं कर सके। लिहाजा अब वह अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर पिता के सपने को साकार करना चाहते हैं।
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बता दें कि गालिब के नाना गुलाम मुहम्मद का पढ़े लिखे शख्स हैं। उन्होंने अपने पोते गालिब पर कहा कि मुझे उसपर गर्व है । उसने 10वीं की परीक्षा में 95 फीसद और 12वीं की परीक्षा में 89 फीसद अंक पाए हैं। गालिब उस सपने को जरूर पूरा करेगा, जो उसके पिता पूरा नहीं कर सके थे।