नई दिल्ली। भारत सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के हर संभव प्रयास कर रही है। ऐसे में अपना इलाज करा रहे लोगों को यही लगता है कि जिन उपकरणों से उनका इलाज हो रहा है वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। अगर आप भी इस तरह की सोच रखते हैं तो आप गलत हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के कुछ अस्पतालों में ऐसी सिरिंज का प्रयोग किया जा रहा है, जिसे ब्रिटेन में पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है।
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आपको बता दें कि देश के कई अस्पतालों में इन सिरिंजों का प्रयोग किया जा रहा है। इस ग्रीस बाय ड्राइवर नामक सिरिंज को ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस ने पूरी तरह असुरक्षित घोषित किया था बावजूद इसके भारत, अफ्रीका और नेपाल जैसे देशों में यह सिरिंज अस्पतालों और चिकित्सक संगठनों को भेजे जा रहे है। साल 1995 की सुरक्षा चेतावनियों में इन सिरिंज को असुरक्षित बताया गया था।
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गौरतलब है कि एक जांच में यह पता चला कि दिसंबर 2011 में आईएसल ऑफ वाइट एमएचएस ट्रस्ट के नोटिस में इस ग्रीस बाय एमएस 16 और एमएस 26 सिरिंज ड्राइवर्स को हटाने के बारे में कहा गया है।
इसके साथ ही इस नोटिस में यह भी लिखा था इन सिरिंज को विकासशील देशों के धर्मार्थ संगठनों को दान कर दिया जाएगा। गौर करने वाली बात तो यह है कि आम लोग आंखे बंद करके इलाज करवा तो लेते हैं पर इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों की उसे कोई जानकरी नहीं होती।