नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों को झटका देते उनके बढ़े हुए महंगाई भत्ते को रोकने का फैसला लिया था , जिस पर अब कांग्रेस ने अपनी आपत्ति जताना शुरू कर दिया है । पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विरोध के बाद अब पूर्व आरबीआई गवर्नर और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार के इस फैसले को गैर जरूरी करार दिया है । मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक रूप से मुश्किल में डालना गैरजरूरी है । इससे पहले राहुल गांधी ने इस फैसले को अमानवीय और असंवेदनशील करार दिया था ।
विदित हो कि मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से सरकार पर पड़े आर्थिक बोझ के कारण मोदी सरकार ने यह फैसला लिया है । केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर ये रोक जून 2021 तक लागू रहेगी । इस कटौती की वजह से केंद्र और राज्य सरकार के खजाने को लगभग सवा लाख करोड़ रुपये की बचत होगी । हालांकि इस सबका सीधा असर 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों पर पड़ेगा ।
असल में सरकारी कर्मचारियों को 17 की बजाए 21 फीसदी महंगाई भत्ता मिलने की उम्मीद थी , लेकिन अब सरकार ने इस बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है । इसकी वजह से अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को करीब 18 महीने तक सिर्फ 17 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा ।
इस पूरे प्रकरण पर मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें लगता है कि इस स्टेज पर सरकारी कर्मचारियों और सैन्य बलों पर आर्थिक दबाव डालने की कोई जरूरत नहीं है । कांग्रेस पार्टी ने भी इसका विरोध किया और इस फैसले को जले पर नमक छिड़कने जैसा बताया ।