नई दिल्ली । रक्षा मंत्रालय के पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग (ईएसडब्ल्यू) ने जल शक्ति अभियान, स्वच्छ भारत अभियान पर एक कार्यशाला का आयोजन किया । इस दौरान पूर्व सैनिकों के लिए इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम यानी आईवीआरएस की शुरूआत की गई । इतना ही नहीं केंद्रीय सैनिक विश्राम गृह का भी शुभारंभ किया गया । जल शक्ति अभियान के समर्थन में जागरूकता पैदा करने, अभी तक हुई प्रगति की समीक्षा करने और भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए रक्षा मंत्रालय के पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग द्वारा 06 सितंबर, 2019 को केंद्रीय सैनिक विश्राम गृह, नारायणा में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला की अध्यक्षता ईएसडब्ल्यू की सचिव संजीवनी कुट्टी ने की। इस दौरान ईएसडब्ल्यू के संयुक्त सचिव पी. हरि प्रसाद भी उपस्थित थे। मेजर जनरल सगोच, डीजीआर, कर्नल सिसोदिया, सीओ (ईसीएचएस) और केएसबी के सचिव ब्रिगेडियर मृगेंद्र कुमार, एसएम के नेतृत्व में डीजीआर, ईसीएचएस और केएसबी की टीमों ने इस कार्यशाला में हिस्सा लिया।
इस दौरान ज्यादा से ज्यादा पूर्व सैनिकों को विभाग के संपर्क में लाने और उनसे जुड़े मसलों को हल करने की परिकल्पना के साथ पूर्व-सैनिकों को फायदा पहुंचाने वाले इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम यानी आईवीआरएस की शुरूआत की गई है। यह मौजूदा सरकार की 100 दिनों की योजना का एक एजेंडा था। यह प्रणाली मौजूदा हेल्पलाइन की क्षमता को कई गुना बढ़ा देगी और इसे 24 घंटे काम करने में सक्षम बनाएगी। यह ईएसएम को तकनीकी सवालों के अनुकूल बनाएगा और ऑपरेटरों के लिए इस तक पहुंच आसान होगी। हेल्पलाइन पर अधिकतर सवाल हेल्पलाइन की स्थिति के बारे में ही पूछे जाते थे और अब आईवीआरएस द्वारा ही इनका हल किया जाएगा।
संजीवनी कुट्टी की अध्यक्षता और ईएसडब्ल्यू के संयुक्त सचिव पी. हरि प्रसाद की उपस्थिति में केएसबी हेल्पलाइन के लिए 20 आईवीआरएस प्रणाली चैनलों का उद्घाटन किया गया। डीजीआर, ईसीएचएस और केएसबी की टीमों ने मेजर जनरल सगोच, डीजीआर, कर्नल सिसोदिया, सीओ (ईसीएचएस) और केएसबी के सचिव ब्रिगेडियर मृगेंद्र कुमार, एसएम के नेतृत्व में इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आर्गेनाइजेशन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. सुमन चाहर को इस कार्यशाला में अतिथि वक्ता के तौर पर आमंत्रित किया गया था। उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही पहलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न दिशानिर्देशों को भी सामने रखा, जिन्हें व्यक्तिगत और संगठन के स्तर पर अमल में लाया जा सकता है।