नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बजट में वित्तीय सेवाओं को लेकर कहा कि आज हमारे देश के बैंकिंग और नॉन बैंकिंग सेक्टर के पुराने तौर-तरीकों और पुरानी व्यवस्थाओं को बदला जा रहा है। 10-12 साल पहले Aggressive Lending के नाम पर कैसे देश के बैंकिंग सेक्टर को, फाइनेंशियल सेंकटर को नुकसान पहुंचाया गया, ये आप अच्छी तरह जानते भी हैं, समझते भी हैं । उन्होंने कहा - Non-Transparent क्रेडिट कल्चर से देश को बाहर निकालने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं। अब NPAs को कार्पेट के नीचे दबाने के बजाय, उसे यहां-वहां दिखाकर बचने के बजाय, 1 दिन का NPA भी रिपोर्ट करना ज़रूरी है ।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा - देश के फाइनेंशियल सेक्टर को लेकर सरकार का विजन बिल्कुल साफ है। देश में कोई भी Depositor हो या कोई भी Investor, दोनों ही Trust और Transparency अनुभव करें, ये हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है ।
वह बोले - मुद्रा योजना से ही बीते सालों में करीब 15 लाख करोड़ रुपये का ऋण छोटे उद्यमियों तक पहुंचा है। इसमें भी लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं हैं और 50 प्रतिशत से ज्यादा दलित, वंचित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के उद्यमी हैं । आज देश में 130 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड, 41 करोड़ से ज्यादा देशवासियों के पास जनधन खाते हैं। इनमें से करीब 55% जनधन खाते महिलाओं के हैं और इनमें करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए जमा हैं ।
मोदी ने कहा - आप सभी भलीभांति जानते हैं कि हमारे Fintech Start ups आज बेहतरीन काम कर रहे हैं और इस सेक्टर में हर संभावनाओं एक्स्प्लोर कर रहे हैं। कोरोना काल में भी जितनी Start Up Deals हुई हैं, उनमें हमारे Fintechs की हिस्सेदारी बहुत अधिक रही है ।
पीएम बोले - आत्मनिर्भर भारत सिर्फ बड़े उद्योगों या बड़े शहरों से नहीं बनेगा। आत्मनिर्भर भारत गांव में, छोटे शहरों में छोटे-छोटे उद्यमियों के, सामान्य भारतीयों के परिश्रम से बनेगा। आत्मनिर्भर भारत किसानों से, कृषि उत्पादों को बेहतर बनाने वाली इकाइयों से बनेगा । आत्मनिर्भर भारत किसानों से, कृषि उत्पादों को बेहतर बनाने वाली इकाइयों से बनेगा। आत्मनिर्भर भारत, हमारे MSMEs से बनेगा, हमारे Start Ups से बनेगा ।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा - हमारा ये लगातार प्रयास है कि जहां संभव हो वहां प्राइवेट उद्यम को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जाए। लेकिन इसके साथ-साथ बैंकिंग और बीमा में पब्लिक सेक्टर की भी एक प्रभावी भागीदारी अभी देश की ज़रूरत है ।
सामान्य परिवारों की कमाई की सुरक्षा, गरीब तक सरकारी लाभ की प्रभावी और लीकेज फ्री डिलिवरी, देश के विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े निवेश को प्रोत्साहन, ये हमारी प्राथमिकता हैं ।