नई दिल्ली । कांग्रेस की डूबती नइया को पार लगाने के लिए पिछले कुछ समय से सियासी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पार्टी आलाकमान से लगातार मुलाकात और पार्टी को उबारने के लिए मंथन बैठके कर रहे थे । हाल में उन्होंने कांग्रेस के लिए एक 600 पन्नों की प्रजेंटेशन भी तैयार की , जिसमें पार्टी को मजबूत करने के लिए कांग्रेस में काफी बदलाव करने की बात कही गई थीं । सामने आया है कि वह सोनिया गांधी के बजाए प्रियंका गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने के पक्षधर थे । पीके की इस कवायद के बीच उन्हें कांग्रेस में शामिल करने की जुगत भी कांग्रेस ने की थी , लेकिन दोनों पक्षों में कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई । इसके बाद कांग्रेस ने प्रशांत किशोर के साथ नहीं आने की बात कही , लेकिन पीके के बयान सामने आने के बाद अब दोनों पक्ष अपनी अपनी सफाई पेश कर रहे हैं । किशोर चाहते हैं कि प्रियंका गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए, जबकि पार्टी चाहती है कि राहुल गांधी ही दोबारा अध्यक्ष बनें।
विशेषाधिकार प्राप्त एक्शन ग्रुप- 2024 बनाने पर मंथन
विदित हो कि 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिए कांग्रेस से जुड़ रहे प्रशांत किशोर ने अपनी रणनीति की एक प्रजेंटेशन पार्टी आलाकमान के साथ साझा की थी । इससे इतर , कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पार्टी को मजबूत करने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने को लेकर एक विशेषाधिकार प्राप्त एक्शन ग्रुप- 2024 बनाने की बात कही थी , जिसमें प्रशांत किशोर को भी शामिल होने का न्योता दिया गया था ।
कांग्रेस ने बयान आए सामने
असल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर को इस विशेषाधिकार प्राप्त एक्शन ग्रुप- 2024 में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था । लेकिन कुछ गतिरोध पैदा होने के बाद मंगलवार को कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि प्रशांत किशोर के प्रेजेंटेशन और चर्चाओं के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें ग्रुप में शामिल होकर पार्टी जॉइन करने को कहा था, जिसमें उनके लिए एक जिम्मेदारी भी थी , लेकिन उन्होंने मना कर दिया । हम उनकी कोशिशों और सुझावों के लिए उनका सम्मान करते हैं ।
पीके ने दी सफाई
कांग्रेस की ओर से पीके के पार्टी में शामिल न होने संबंधी बयानों पर खुद प्रशांत किशोर ने अपना पक्ष सामने रखा । कांग्रेस ने जहां यह कहा कि प्रशांत किशोर को एक 'खास जिम्मेदारी' दी गई थी । वहीं प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उन्हें चुनाव की जिम्मेदारी लेने को कहा गया था । पीके ने अपने ट्वीट में लिखा - मैंने विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह का हिस्सा बनकर पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने की कांग्रेस की दरियादिली भरी पेशकश को स्वीकार करने से इनकार किया है ।
पार्टी को लीडरशिप और इच्छाशक्ति की जरूरत
प्रशांत किशोर ने सुरजेवाला के बयानों के बाद अपनी बात रखते हुए कहा कि मेरी कांग्रेस से यह विनम्र राय है कि मुझसे ज्यादा पार्टी को लीडरशिप और सामूहिक इच्छाशक्ति की जरूरत है ताकि परिवर्तनकारी सुधारों के जरिए पार्टी के भीतर घर कर चुकी ढांचागत समस्याओं को दूर किया जा सके ।
कांग्रेस को पसंद नहीं थीं पीके की कई सलाह
पार्टी सूत्रों का कहना है कि पीके ने अपनी प्रजेंटेशन के साथ जो सलाह कांग्रेस को दी थी , उसमें से कई कांग्रेस के गले नहीं उतरीं । जानकारों का कहना है कि कांग्रेस न तो पार्टी में और न ही अध्यक्ष पद को लेकर कोई बड़ा बदलाव करने की पक्षधर है , न ही वह प्रशांत किशोर को चुनावी रणनीति से बाहर किसी मामले में दखल की छूट देना चाहती है । प्रशांत किशोर कांग्रेस में जाने के लिए कई सुधारों के साथ काम करने के लिए फ्री हैंड की मांग कर चुके हैं , जिसे पार्टी के दिग्गज नेताओं ने खारिज कर दिया है ।