नई दिल्ली । कोरोना काल के दौरान जहां दिल्ली एनसीआर के लोगों ने प्रदूषण रहित मौसम का जमकर लाभ उठाया , वहीं एक बार फिर से इस इलाके की हवा जानलेवा हो गई है । दिल्ली एनसीआर की हवा की गुणपत्ता का स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स में ''बहुत खराब'' स्तर पर पाया गया है । कोरोना काल में यह स्थिति कुछ लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है । जहां वायु प्रदूषण के चलते मौजूदा समय में लोगों को को सांस लेने में परेशानी हो रही है , वहीं कोरोना वायरस लोगों की समस्या को और बढ़ाने को तैयार है । दिल्ली में शुक्रवार की सुबह प्रदूषण का स्तर 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गया और आगामी दो दिनों में इसके और खराब होने की आशंका है. हालांकि, एनसीआर के बाकी 10 शहरों की हालत भी बेहद खराब है । देश के 8 बड़े शहरों की बात करें तो उसमें भी दिल्ली सबसे खराब हवा के मामले में नंबर एक पर है ।
400 के करीब पहुंचा AQI
बता दें कि मई जून के दौरान दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 50 के करीब पहुंच गया था , जिससे साफ हो गया था कि दिल्ली एनसीआर के वातावरण में हानिकारक जहरीले तत्वों का अस्तित्व बहुत कम रहा , लेकिन जैसे जैसे लॉक डाउन खुला और जिंदगी सामान्य हुई, एक बार फिर से यह इडेक्स 400 पर पहुंच गया है । शुक्रवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) इस सीजन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो कि शुक्रवार को रोहिणी इलाके में 391 रिकॉर्ड किया गया ।
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बहुत खराब की श्रेणी
बता दें कि एक्यूआई 301 और 400 के बीच है इसलिए हवा की गुणवत्ता को 'बेहद खराब' श्रेणी में पाया गया है । भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अनुमान जताया है कि पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 10 और पीएम 2.5 में बढ़ोतरी के साथ वायु गुणवत्ता और खराब होगी । दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी द्वारा शुक्रवार की सुबह जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के रोहिणी में एक्यूआई (Air Quality Index) का स्तर 391 पाया गया, वहीं द्वारका में 390, आनंद विहार में 387 और आरके पुरम में 333 रहा. बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 और 500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है.
पराली जलाना और वाहनों - उद्योगों का धुआं का कारण
बता दें कि हर साल पंजाब हरियाणा के किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाए जाने से दिल्ली एनसीआर के शहरों में प्रदूषण जानलेवा हो जाता है । वहीं वाहनों से निकलने वाले धुएँ और उद्योगों से निकलने वाला धुआं इस सबका जिम्मेदार है ।
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एनसीआर के 10 शहरों का हाल
विदित हो कि दिल्ली समेत एनसीआर के कुछ शहरों के हालात लगभघ एक समान हो गए हैं । प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ा हुआ है कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है । पिछले 14 दिनों में एनसीआर के शहरों में हवा की गुणवत्ता का औसत
गुरुग्राम- 242
गाजियाबाद - 272
ग्रेटर नोएडा - 277
फरीदाबाद - 273
गपत - 305
रठ - 271
मुजफ्फरनगर - 283
बल्लभगढ़ - 261
जिंद - 272
पानीपत - 272
भिवाड़ी- 300