सोनीपत । टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों के मद्देनजर लंबे समय से घर से बाहर रहे भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया आखिरकार अपने कांस्य पदक के साथ सोमवार रात अपने घर पहुंचे । बेटे को देख मां का प्यार यूं बरसा की देखने वालों की भी आंखें नम हो गईं। अपने विजयी बेटे के माथे पर तिलक करती बजरंग की मां के चेहरे के भाव बता रहे थे कि वह बेटे के घर लौटने और उसे देखकर कितनी खुश हुई । बेटे ने मां के भाव समझे और जिसके खातिर आज पूरा देश उसे बधाई दे रहा है , उसे मेडल को अपनी मां को समर्पित करते हुए उसे मां के गले में पहना दिया । मां ने बजरंग का मुंह उसके पसंदीदा चूरमा को खिलाकर मीठा किया और इनाम के तौर पर उसके हाथ में सौ का नोट रख दिया । मंजर भावुक कर देने वाला था , बजरंग अपने आंसू बामुश्किल रोक पाए पर उसके चेहरे के भाव ने जता दिया कि करोड़ों के इनाम पर उसकी मां का दिया यह नोट भारी था।
लोगों ने बजंरग को कंधे पर उठाए रखा
हरियाणा (Haryana) के सोनीपत (sonepat) जिले में अपने पैतृक आवास पहुंचने पर ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता पहलवान का जोरदार स्वागत किया गया है । स्थानीय लोगों के हुजूम ने भारी संख्या में पहुंच कर उनका स्वागत किया । इस दौरान लोगों ने अपने काफी देर तक अपने कंधे पर ही उठाए रखा ।
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मां ने बनाया था चूरमा
बजंरग पूनिया के घर पहुंचने पर उनकी मां - पिता समेत परिवार के सभी लोगों ने उसका जोरदार स्वागत किया । इस दौरान पूरा इलाका ही उनका परिवार हो गया था , जो बजरंग का स्वागत करने के लिए वहां पहुंचा था । घर पहुंचते ही मां ने अपने विजयी बेटे का तिलक लगाकर स्वागत किया । साथ ही उसे उसका पसंदीदा चूरमा खिलाया । भावुक हो रहे बजरंग ने मां के गले में जीता हुआ कांस्य पदक डाल दिया । बजरंग को भले ही करोड़ों का इनाम मिल रहा हो , लेकिन मां ने भी अपना प्यार लुटाते हुए अपने बेटे के हाथ में एक सौ रुपये का नोट रख बतौर इनाम रख दिया । क्षण बहुत भावुक करने वाला था , बजरंग अपने भाव छिपा रहे थे , लेकिन उनके भाव से साफ महसूस हुआ कि उसे मिले करोड़ों के इनाम पर यह 100 का नोट भारी है ।
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घुटने की चोट का कराएंगे इलाज
इस दौरान बजरंग पूनिया ने कहा- मुझे इतना प्यार और सम्मान देने के लिए मैं सभी लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं । मुझे घर लौटकर अच्छा लग रहा है. अब मैं अपने चोट के इलाज के लिए सबसे पहले अपने डॉक्टर के पास जाऊंगा।’ दरअसल, ओलिंपिक से पहले उनका घुटना चोटिल हो गया था. जिसके कारण उन्हें 25 दिन तक अपनी ट्रेनिंग से दूर रहना पड़ा था । वहीं डॉक्टर्स ने उन्हें गेम न खेलने की सलाह दी थी।
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