नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी पिछले कुछ सालों में अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने में तो कामयाब रही है लेकिन कांग्रेस मुक्त भारत के मिशन पर निकली भाजपा पिछले एक साल में खुद 5 राज्यों से अपनी सत्ता गवा चुकी है । राजस्थान , मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में सत्ता से बेदखल होने के बाद हाल में महाराष्ट्र और अब झारखंड में भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता देखना पड़ा है । इस दौरान एक बात साफ हुई है कि भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा लेकिन अपने सहयोगियों को साथ लेकर नहीं चल पाने के चलते जहां उन्हें महाराष्ट्र की सत्ता से बाहर होना पड़ा , बल्कि झारखंड में भी कुछ ऐसे ही हालात नजर आ रहे हैं।
आंकड़ों के अनुसार , वर्ष 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बनकर केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए, उस दौरान भाजपा के पास 7 राज्य थे । इसके बाद पूरे देश में मोदी का जादू नजर आया । महज 3-4 साल के भीतर भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनावों में दमदार प्रदर्शन किया और वर्ष 2018 में भाजपा बढ़कर 19 राज्यों पर काबिज हो गई। भाजपा और उसके गठबंधन के साथी इन राज्यों की सत्ता के केंद्र में थे , लेकिन पिछले मोदी के दोबारा लोकसभा चुनावों में उतरने से लेकर अब तक के समय का आकलन करें तो पिछले 1 साल में भाजपा को बड़ा झटका लगा है ।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद भारतीय जनता पार्टी राज्यों में सत्ता के मामले में नीचे गिरती नजर आई । इसके चलते पिछले एक साल में राजस्थान , मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ , महाराष्ट्र और अब झारखंड में भाजपा सत्ता से दूर हो गई है । हालांकि हरियाणा में सरकार बनाने में सफल तो रहे लेकिन अपने दावों से भाजपा बहुत पीछे रह गई और बाद में जोड़तोड़ करके सरकार बनाने में सफल हो पाई ।
असल में मई 2014 में केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद नरेंद्र मोदी ने देश में डबल इंजन वाली सरकार बनाने का आह्वान किया था । इसके बाद कई राज्यों की जनता ने उनकी सुनी और 7 राज्यों में भाजपा की सत्ता का विस्तार ऐसा हुआ कि एक समय वह 21 राज्यों (गठबंधन के साथ) की सत्ता पर काबिज हुई । पीएम मोदी अक्सर सार्वजनिक मंचों से अपने इस फॉर्मूले का जिक्र करते हैं और इसे विकास का अहम कारण बताते हैं । हालांकि इस दौरान गैर भाजपा वाली राज्य सरकारों पीएम मोदी पर विकास में रोड़े अटकाने के आरोप लगाती रहीं । लेकिन अब झारखंड में भी विधानसभा चुनावों में सत्ता गवाने के बाद यह तो साफ हो गया है कि जनता मोदी की डबल इंजन वाली सरकार की थ्योरी को तो नहीं मान रही है ।
लोकसभा चुनाव 2014 के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भाजपा ने अपने दम पर या सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाई। सिक्किम में उसने अपनी मदद से सरकार बनवाई । 2016 में भाजपा ने इतिहास रचते हुए असम में कांग्रेस के 15 साल के शासन को खत्म किया । अगले साल 2017 में 7 राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा यूपी, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश और गुजरात की सत्ता पर काबिज हुई । हालांकि भाजपा को पंजाब से हाथ धोना पड़ा ।
भाजपा ने वर्ष 2018 में त्रिपुरा में सरकार बनाकर इतिहास रचा लेकिन मई 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटें होने के बावजूद वह सरकार नहीं बना सकी । सत्ताधारी कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देकर सरकार बनवा दी । इसके बाद साल के आखिर में भाजपा को सबसे बड़े झटके लगे । मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने सत्ता गवाई और तेलंगाना में भी उसके हाथ कुछ नहीं लगा ।