नई दिल्ली/ पटना । बिहार के 500 से ज्यादा स्कूलों में बिना किसी सरकारी आदेश के रविवार के बजाए शुक्रवार को जुमे वाले दिन छुट्टी दिए जाने का मुद्दा इस बार गर्मा गया है । हालांकि इसके पीछे मुस्लिम बहुल इलाको का होना और सीमांचल के नेताओं के दबाव की बात सामने आ रही हो , लेकिन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे को लेकर अब एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है । उन्होंने कहा कि बिहार के कुछ सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार यानी जुमे के दिन छुट्टी होने हो रही है । क्या इसके जरिए बिहार में शरिया कानून लागू करने की साजिश हो रही है । हालांकि इस पूरे घटनाक्रम को लेकर स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि यह पुरानी परंपरा के चलते हो रहा है । वहीं कुछ अफसर इसे दबाव की राजनीति के तहत लिया गया फैसला बताते हैं।
जानें आखिर किन इलाकों में होती है जुमे को छुट्टी
विदित हो कि बिहार के सीमांचल क्षेत्र में पिछले कुछ सालों से बिना किसी सरकारी आदेश के 500 से अधिक सरकारी स्कूलों में रविवार के बजाय शुक्रवार यानी जुमे वाले दिन साप्ताहिक अवकाश रखा जाता है । ये स्कूल मुस्लिम बहुल आबादी वाले इलाकों में हैं , जिनमें किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जिले में स्थित कई स्कूल शामिल हैं । असल में 2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार के पूर्वी हिस्से में मुस्लिम आबादी 30 प्रतिशत से 70 प्रतिशत के बीच है।
अररिया जिला ज्यादा प्रभावित
बता दें कि बिहार के अररिया जिले के जोकीहाट ब्लॉक में 244 सरकारी स्कूलों में से 229 का साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को होता है। यहां तैनात सरकारी अफसरों ने इन बातों की पुष्टि भी की है । उनका कहना है कि यहां तो लंबे समय से ऐसा ही होता आ रहा है। जिले के अधिकारियों का कहना है कि स्कूल शुक्रवार को बंद रखने का यूं तो कोई सरकारी आदेश नहीं है , लेकिन ऐसा लंबे समय से होता आ रहा है। वहीं पूर्णिया में 200, जबकि किशनगंज में 19 ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जो शुक्रवार को बंद रहते हैं।
नेताओं के दबाव में शुरू हुआ चलन
जिले के कुछ वरिष्ठ अफसरों का कहना है कि एक दशक पहले एक दबंग मुस्लिम नेता ने इलाके में यह चलन शुरू करवाया था , जिसके बाद किसी ने इसको बदलने की पहल ही नहीं की । सरकारी स्कूलों के कई शिक्षकों और अफसरों ने बताया कि “2014 में, जद (यू) नेता महमूद असरफ (अब मृतक) ने पूर्णिया जिले के बैसी ब्लॉक के तहत अपनी मीनापुर पंचायत में सरकारी स्कूलों को रविवार की बजाय शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश देने के लिए मजबूर किया था। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव का कभी विरोध नहीं किया।
भाजपा ने किया विरोध
इस पूरे प्रकरण में भाजपा ने स्कूलों का साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को किए जाने का विरोध किया था । भाजपा नेताओं ने कहा कि संविधान के अनुसार एक धर्म के लिए उपयुक्त नियमों के बदलाव की अनुमति नहीं दी जा सकती है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, “भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और संविधान के तहत किसी के धर्म के अनुसार नियम बनाने की अनुमति नहीं है। यदि मुस्लिमों के अनुरूप शुक्रवार को स्कूल बंद रहते हैं, तो हिंदू मंगलवार को स्कूलों को बंद करने की माँग कर सकते हैं। इस तरह की प्रथा को धार्मिक तुष्टिकरण के लिए बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। इस सबके बाद अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे को फिर से उठाते हुए कहा कि लगता है बिहार में शरिया कानून लागू किए जाने की साजिश हो रही है ।