नई दिल्ली । भारत में जिन दिन से कोरोना वायरस को लेकर खबरें सुर्खियों में आईं हैं , उस दिन से यहीं खबरें हैं कि दुनिया में महामाही घोषित होने वाले इस वायरस का जन्म चीन की एक लैब में हुआ , जहां जैविक हथियार बनाए जाने की तैयारी की जा रही थी । हालांकि इस सबसे इतर चीन ने इस वायरस के पीछे अमेरिकी की किसी साजिश के आरोप लगाए हैं । अब जबकि चीन में हजारों लोग इस वायरस की चपेट में आकर मारे गए हैं और अमेरिका में भी इस वायरस ने पांव पसार दिए हैं, दोनों देश इस वायरस की उत्पत्ति को लेकर लगातार एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं । इसी क्रम में सोमवार को फ्रांस में चीनी दूतावास ने एक बार फिर साबित करने की कोशि की कि कोरोना वायरस अमेरिका से ही शुरू हुआ।
असल में इस वायरस की उपत्ति के पीछे अमेरिका समेत कई देश जहां चीन द्वारा जैविक हथियार बनाने की साजिश करार दे रहे हैं , वहीं अब चीन का कहना है कि यह साजिश चीन की नहीं बल्कि अमेरिका की है । असल में चीनी दूतावास ने ट्वीट में इस बात का इशारा किया कि जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीनी वायरस कह रहे हैं, वह अमेरिका में ही पैदा हुआ है । पेरिस स्थित चीनी दूतावास ने ट्वीट में लिखा, अमेरिका में पिछले साल सितंबर महीने में शुरू हुए फ्लू से हुईं 20,000 मौतों में कोरोना वायरस के कितने मामले थे? क्या अमेरिका ने नए कोरोना वायरस के न्यूमोनिया के मामलों को फ्लू बताकर पेश करने की कोशिश नहीं की? हालांकि, दूतावास ने अपने इस दावे को लेकर किसी भी तरह के वैज्ञानिक साक्ष्य पेश नहीं किए।
इसी क्रम में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है, जिसे सोमवार को फ्रांस स्थित चीनी दूतावास ने अमेरिका पर कई सवाल उठाकर बढ़ा दिया है । चीनी दूतावास ने कहा, जुलाई महीने में अमेरिका ने मैरीलैंड में फोर्ट डेट्रिक बेस स्थित बायोकेमिकल वीपन्स रिसर्च सेंटर को अचानक बंद कर दिया था. इस लैब के बंद होने के बाद अमेरिका में न्यूमोनिया या इस तरह के तमाम मामले सामने आए थे ।
वहीं ट्रंप और उनके सचिव माइक पोम्पियो कई बार कोरोना वायरस को चीनी वायरस कह चुके , जिसे लेकर चीन ने आपत्ति जताई है ।
भले ही चीन के वुहान शहर में ही कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था , लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर इस वायरस ने जन्म कहां लिया और ये कैसे फैला ।
अमेरिका इस सबके बीच अपने ऊपर ऐसे किसी भी आरोप के चलते विश्व समुदाय में अपनी साख पर कोई सवाल खड़ा नहीं होने देना चाहता , इसलिए ट्रंप ने पिछले दिनों एक बयान में चीन पर नाराजगी जाहिर की । ट्रंप ने कहा, उन्हें इसके बारे में (कोरोना वायरस) हमें पहले बता देना चाहिए था । बीजिंग के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसी महीने एक ट्वीट कर आरोप लगाया था कि अमेरिकी सेना ही वुहान में वायरस लेकर आई थी ।
हालांकि, अमेरिका में स्वास्थ्य सेवा संचालित करने वाले अधिकारी कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहने से बच रहे हैं । उनका मानना है कि इससे चीन के प्रति नफरत बढ़ेगी । हालांकि, व्हाइट हाउस ने इस पूरे विवाद को खारिज कर दिया और कहा कि पहले भी वायरस का नाम उसकी उत्पति की जगह के नाम पर दिया जाता रहा है ।