नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार शुक्रवार शाम मार्च तिमाही और पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ग्रोथ के आंकड़े जारी करेगी । इस तरह आज इस बारे में प्रमाणिक आंकड़ा मिलेगा कि 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ कितनी हुई थी । अभी तक सभी एजेंसियों ने मार्च के जीडीपी में 0.5 फीसदी से लेकर 3.6 फीसदी तक ही ग्रोथ रहने की चेतावनी दी है । इसके पहले सरकार ने अनुमान जारी किया था कि 2019-20 में जीडीपी में ग्रोथ 5 फीसदी के आसपास रहेगी । लेकिन मार्च तिमाही में कोरोना के असर से नुकसान हुआ है और अब यह आशंका जताई जा रही है कि जीडीपी में बढ़त काफी कम रहेगी।
हालांकि लॉकडाउन 25 मार्च को लगा था जिसकी वजह से इस तिमाही में लॉकडाउन का ज्यादा असर नहीं दिखा.लेकिन यह करीब एक हफ्ते में ही इकोनॉमी को काफी झटका दे गए । एक सर्वे में तो यहां तक चेतावनी दी गई कि 2019-20 की मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ महज 2.1 फीसदी रह सकती है ।
यही नहीं एसबीआई, क्रिसिल से लेकर केयर जैसी एजेंसियां तक मार्च तिमाही में ग्रोथ 0.5 फीसदी से 3.6 फीसदी तक ही ग्रोथ रहने की आशंका जाहिर कर चुकी हैं । मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2020-21 के लिए तो सभी एजेंसियां नेगेटिव ग्रोथ यानी जीडीपी में गिरावट का अनुमान लगा चुकी हैं । खुद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास यह कह चुके हैं कि मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी में गिरावट आ सकती है ।