नई दिल्ली । कोरोना को लेकर देश दुनिया के कई तरह की रिपोर्ट आ रही है , जिसमें कोरोना की समयसीमा को लेकर भी कई तरह के दावे किए जा रहे हैं । अब अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल Upper Chesapeake Health में संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख और कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर फहीम यूनुस ने इस महामारी को लेकर चेतावनी जारी की है । उन्होंने अपने एक ट्वीट में अहम जानकारियां शेयर की हैं। उन्होंने लिखा है - प्यारे साथियों, सच स्वीकार करें, यह गलत उम्मीद से बेहतर होता है । मैं सहानुभूति के साथ कोविड से जुड़ी सच्चाई शेयर करने की कोशिश करता हूं ताकि हम सब योजना बना सकें, तैयारी कर सकें और एक-दूसरे की मदद कर पाएं । उन्होंने इस दौरान आशंका जताई कि कोरोना दुनिया भर में 2 साल तक रह सकता है ।
वहीं इस दौरान डॉक्टरों ने कोरोना मरीजों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि गंभीर रूप से बीमार होने वाले कोरोना मरीजों का PTSD (पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) के लिए स्क्रीनिंग की जानी जरूरी है । PTSD एक ऐसी मानसिक स्थिति होती है जो आमतौर पर दुर्घटना या बेहद बुरी स्थिति का सामना करने के बाद मरीजों में देखने को मिलती है ।
असल में फहीम यूनुस ने अपने ट्वीट में कहा कि उनका इरादा सिर्फ मानवजाति की मदद करना है और वे लाइक, रिट्वीट वगैरह में अधिक रुचि नहीं रखते । उन्होंने लिखा- कोविड खत्म होने के बाद आप मुझे यहां (ट्विटर पर) सक्रिय नहीं देखेंगे । उन्होंने कहा कोविड महामारी 2 साल से अधिक रह सकती है? 6 महीने पहले ही बीत चुके हैं । वैक्सीन अभी एक साल दूर है । वैक्सीन बांटने में एक साल का वक्त लगता है । हर्ड इम्युनिटी काफी दूर है । महामारी की रफ्तार बढ़ रही है । सबसे बेहतर स्थिति में 2 साल लगेंगे. इसी हिसाब से योजना बनाई जानी चाहिए।'
उन्होंने कहा कि अमेरिका में 25 लाख केस हो चुके हैं और देश की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था सीडीसी का मानना है कि अमेरिका में असल केस की संख्या 10 गुनी हो सकती है ।
इसी क्रम में ब्रिटेन में यूनिवर्सटी कॉलेज लंदन के एक्सपर्ट्स के नेतृत्व में बनाए गए कोविड ट्रॉमा रेस्पॉन्स वर्किंग ग्रुप ने कहा है कि कोरोना से गंभीर रूप से बीमार जिन लोगों का आईसीयू में इलाज किया जाता है, उन्हें PTSD से सबसे अधिक खतरा है । बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट्स का कहना है कि गंभीर रूप से बीमार पड़ने वाले हजारों लोगों को PTSD से खतरा रहेगा । डॉक्टरों ने पिछली रिसर्च का भी हवाला दिया जिससे पता चलता है कि महामारी की वजह से गंभीर बीमार हुए 30 फीसदी लोगों में
PTSD डेवलप हो गया था. वहीं, डिप्रेशन और Anxiety एक प्रमुख समस्या बन गई थी ।