नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने साल 1995 में दिल्ली में हुए तंदूर कांड मामले में शुक्रवार को बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने कांड के मुख्य आरोपी सुशील शर्मा को फौरन रिहा करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि सुशील शर्मा पर अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या कर उसके शव को टुकड़े-टुकड़े कर बगिया रेस्टोरेंट के तंदूर में जला दिया था। इससे पहले 12 दिसंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि इतनी लंबी सजा काटने के बाद भी सुशील शर्मा को रिहा क्यों नहीं किया गया?
गौरतलब है कि जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और एस.डी. सहगल की बैंच ने सरकार से यह बताने के लिए कहा है कि 29 साल की सजा पूरी कर चुके शर्मा को क्यों नहीं रिहा किया गया था। वर्ष 1995 में पत्नी नैना साहनी की हत्या कर बगिया रेस्टोरेंट के तंदूर में उसके शव को जलाने के जुर्म में शर्मा उम्रकैद की सजा काट रहा है। बैंच ने कहा है कि यह कैदी के मानवाधिकार से संबंधित है, लिहाजा यह बेहद गंभीर है।
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यहां बता दें कि कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि यह बेहद गंभीर मुद्दा है। सुशील शर्मा अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या के सिलसिले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुशील शर्मा की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। कोर्ट ने पूछा था कि क्या हत्या के दोषी किसी व्यक्ति को पूरी जिंदगी जेल में रखा जा सकता है जब उसने पहले ही अपनी सजा पूरी कर ली है। ऐसे मंे उसे जेल में रखना मानवाधिकार का हनन नहीं है?