नई दिल्ली । National Herald Case । कांग्रेस की राजनीति में हलचल मचा देने वाले नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय ED ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड के दिल्ली ऑफिस हेराल्ड हाउस समेत कोलकाता और देश के अन्य 12 ठिकानों पर छापेमारी की है । इस दौरान 10 जनपथ पर हुई बैठक के दस्तावेजों की भी तलाश की जा रही है । ऐसी संभावना है कि इस मामले से जुड़े कई अहम लोगों के यहां भी छापेमारी हो सकती है । इससे पहले इस मामले में आरोपी और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी समेत राहुल गांधी से लंबी पूछताछ हो चुकी है । उनसे हुई पूछताछ के बाद ही यह छापेमारी की कार्यवाही हुई है । इस छापेमारी के बाद राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है । उन्होंने कहा - कांग्रेस आपकी आवाज , आप कांग्रेस की ताकत , आवाज दबाने वाली हर ताकत से हमें लड़ना है । खुद को कभी अकेले मत समझना , तानाशाह के हर फरमान से हमें लड़ना है ।
विदित हो कि गत 27 जुलाई को ही ED ने सोनिया गांधी से करीब 11 घंटे तक सवाल-जवाब किया था । यह पूछताछ 3 दिनों तक चली थी. इस दौरान ED ने सोनिया से हेराल्ड से जुड़े 40 से ज्यादा सवाल पूछे थे । सोनिया से पहले ED राहुल गांधी से भी 50 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ कर चुकी है । हालांकि ईडी ने इस बात के संकेत दिए हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो दोनों को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा ।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी से हुई पूछताछ के विरोध में कांग्रेस ने पिछले दिनों संसद से लेकर सड़क तक जमकर हंगामा किया था । कांग्रेस ने जहां मोदी सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया , वहीं संसद भवन परिसर में धरना प्रदर्शन और जमकर नारेबाजी भी की ।
चलिए आपको इस दौरान बता देते हैं कि आखिर क्या है ये नेशनल हेराल्ड केस । असल में नेशनल हेराल्ड एक न्यूज पेपर था , जिसे पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने वर्ष 1938 में शुरू किया था । इसका मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी एजीएल के पास था, लेकिन 70 साल बाद साल 2008 में घाटे की वजह से अखबार को बंद करना पड़ा ।
इस दौरान आरोप लगे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सहमति से कांग्रेस के फंड से 90 करोड़ का लोन एजीएल को दिया गया । बाद में सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडिया नाम से एक कंपनी बनाकर इस अखबार की संपत्ति पर कब्जा कर लिया । यंग इंडिया में सोनिया और राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा और आस्कर फर्नांडिस की भी हिस्सेदारी थी । इन दोनों नेताओं का निधन हो गया गै । हालांकि वर्ष 2012 में सुब्रमण्यन स्वामी की ओर से एक याचिका दाखिल कर इस पूरे कथित सौदे पर सवाल उठाए गए । वर्ष 2014 में सोनिया और राहुल के खिलाफ कोर्ट से समन जारी हुआ , जिसके बाद ईडी इस मामले में जांच कर रही है । हालांकि 2015 में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से दोनों नेताओं को जमानत दी थी , वहीं 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों ने नेताओं को कोर्ट में सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश न होने की इजाजत दे दी लेकिन केस को बंद नहीं किया था । अब एक बार फिर से इस मामले में ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ की है । यह पहला मौका है जब जांच एजेंसी ने दोनों दिग्गज नेताओं से घंटों पूछताछ की ।