नई दिल्ली । इन दिनों देश दुनिया में अफगानिस्तान की नई सरकार की चर्चाएं हो रही हैं । अफगान सरकार में जो मंत्री चुने गए हैं , उन्हें लेकर खुद तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि ये अभी स्थायी नहीं हैं , हमें अच्छे नेताओं की तलाश है, लेकिन इस सबके बीच भी जिन लोगों को तालिबान में मंत्री बनाया है , उनका ज्ञान सुनकर इस समय दुनिया के लौग चौंक गए हैं । हालिया घटनाक्रम में अफगानिस्तान के नई शिक्षामंत्री शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर (Sheikh Molvi Noorullah Munir) का बयान सामने आया है , जिसमें उन्होंने पीएचडी या मास्टर डिग्री को बेकार बताते हुए कहा कि ताकत के आगे शिक्षा कोई मायने नहीं रखती, हमने खुद ताकत के बल पर सत्ता हासिल की है । उनका यह बयान इस समय सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है ।
विदित हो कि अफगानिस्तान की नई सरकार का ऐलान कर दिया गया है , जिसमें कई आतंकी और कई सजायाफता तालिबानियों को मंत्री पद दिया गया है । हालांकि तालिबान की सोच क्या है , इसका अंदाजा उसके शिक्षा मंत्री (Minister of Education) के बयान से हो जाता है । अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्री की कुर्सी संभालने वाले शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर की नजर में पीएचडी या मास्टर डिग्री की कोई वैल्यू नहीं । उनका कहना है कि ताकत के बल पर हमने सत्ता हासिल की है ।
शिक्षा मंत्री मुनीर ने कहा कि मौजूदा समय में कोई डिग्री को कोई नहीं पूछता । मैं खुद भी बिना डिग्री के यहां तक पहुंचा हूं । आप देख सकते हैं कि मुल्लाओं और सत्ता में शामिल तालिबानी नेताओं के पास भी ये डिग्रियां नहीं हैं, यहां तक कि कई ने हाईस्कूल भी पूरा नहीं किया है, लेकिन फिर भी वे ताकतवर हैं । आज डिग्री से ज्यादा ताकत मायने रखती है ।
विदित हो कि तालिबान ने हक्कानी नेटवर्क के साथ हुए गतिरोध के बाद मुल्ला बिरादर की जगह अब मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद (Mullah Hasan Akhund) को जहां प्रधानमंत्री नियुक्त किया है । वहीं अपनी कैबिनेट में कई ऐसे लोगों को शामिल किया है , जिनका ज्ञान शून्य हैं । इसी क्रम में शिक्षा मंत्रालय की कमान शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर (Sheikh Molvi Noorullah Munir) के हाथों में दी गई है । हालांकि उनके बयान उनके शिक्षा मंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाते हैं । उनका कहना है क्योंकि मुल्लाओं के पास ड्रिग्रियां नहीं हैं और फिर भी वे सबसे महान हैं।
तालिबान की सोच और उनकी नीतियों का अंदाजा इसी बात से लग रहा है कि शिक्षामंत्री की तरह ही उन्होंने अपना रक्षामंत्री भी ऐसा शख्स बनाया है जो आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क का चीफ है । हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख सिराजुद्दीन अमेरिका की आतंकी लिस्ट में मोस्ट वॉन्टेड है । अमेरिका ने उस पर लगभग 37 करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया है।