नई दिल्ली । अफगानिस्तान में ताबिलान का कब्जा होने के साथ ही वहां एक बार फिर से महिलाओं को यातनाएं देने का दौर शुरू हो गया है । ताजा खबर यह है कि पिछले दिनों तालिबानियों को ललकारने वाली बल्ख प्रांत की एक महिला गवर्नर सलीमा मजारी (Salima Mazari) को लड़ाकों ने बंधक बना लिया है । हालांकि अपने एक बयान में तालिबान ने साफ कहा था कि पुरानी सरकार के लिए काम करने वालों को माफ कर देगा और महिलाओं को उनके अधिकार देगा । बावजूद इसके तालिबान ने विपक्षी नेताओं और महिलाओं के खिलाफ क्रूरता का क्रम शुरू कर दिया है ।
मिली जानकारी के अनुसार , बल्ख प्रांत की महिला गवर्नर सलीमा मजारी को इसलिए बंधक बनाया गया है क्योंकि उन्होंने ताबिलान के खिलाफ आवाज उठाई थी । इतना ही नहीं उन्होंने तो खुद तालिबान के खिलाफ बंदूक उठा दी थी । पूर्व में उनकी इसी हरकत के चलते उन्हें अब बंधक बना लिया गया है । हालांकि अभी इससे संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली है कि उन्हें कहां रखा गया है और उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया है ।
विदित हो कि सलीमा मजारी अफगानिस्तान में पहली महिला गवर्नरों में से एक रही हैं । कुछ साल पहले ही बल्ख के चाहत किंत जिले का गवर्नर चुना गया था । पिछले महीने ही जब तालिबान (Taliban) ने एक के बाद एक सभी प्रांतों पर धावा बोलना शुरू किया, तो सलीमा ने भागने के बजाय मुकाबला करने का फैसला किया और और पकड़े जाने से पहले तक बंदूक उठाकर अपने लोगों की रक्षा की । हालांकि, उनके जिले के तालिबान द्वारा घेरे जाने के बाद आखिरकार सरेंडर करना पड़ा था।
चलिए अब आपको बता देते हैं कि कौन हैं ये सलीमा माजरी । असल में वह अफगानिस्तान मूल की रहने वाली हैं और उनका जन्म साल 1980 में एक रिफ्यूजी के तौर पर ईरान में हुआ था , जब उनका परिवार सोवियत युद्ध से भाग गया था । सलीमा ने तेहरान यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की। उन्होंने कई यूनिवर्सिटीज और अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन में विभिन्न भूमिकाएं निभाई थीं । इस सबके बाद वह अपने माता पिता को छोड़कर अफगानिस्तान आ गईं।
वर्ष 2018 में उन्हें पता चला कि चारकिंत जिला के गवर्नर पद की वैकेंसी है और यह उनकी पुश्तैनी मातृभूमि थी, इसिलए उन्होंने इस पद के लिए आवेदन भर दिया । इतना ही नहीं वह इस पद के लिए चुनी भी गईं और उन्होंने वहां बतौर गवर्नर नियुक्त होते हुए काफी अच्छे काम भी किए ।