नई दिल्ली । एक बार फिर से सर्च इंजन गूगल अपने एक सवाल के जवाब को लेकर विवादों में आ गया है । गुरुवार को गूगल में भारत की सबसे भद्दी भाषा के बारे में पूछने पर जवाब आया ''कन्नड'' भाषा । इसके बाद से कन्नड़भाषी लोग गूगल के प्रशासकों को आड़े हाथ ले रहे हैं । कई बड़े कन्नड़ भाषी नेताओं ने भी अपना विरोध दर्ज करवाया । इसके बाद गूगल को अपने इस जवाब के लिए माफी मांगनी पड़ी ।
विदित हो कि गुरुवार को गूगल उस समय विवादों में आ गया , जब सर्च इंजन पर भारत की सबसे भद्दी भाषा के बारे में सर्च करने पर रिजल्ट के तौर पर कन्नड़ भाषा सामने आया । इसके बाद जहां आम जनता भड़क गई , वहीं कई नेताओं ने भी अपना विरोध दर्ज करवाया।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कहा कि जर्मनी के रेव फर्दिनेंड किटेल ने 24 साल के अध्ययन के बाद पहली कन्नड़ अंग्रेजी डिक्शनरी इजाद की थी । टॉलेमी ने भी अपने ग्रंथ में कन्नड़ का जिक्र किया है । ऐसे में यह भाषा कैसे भद्दी हो सकती है ।
वहीं बेंगलुरू सेंट्रल से सांसद पीसी मोहन ने कहा कि विश्व की सबसे पुरानी भाषाओं में से कन्नड़ एक है । कन्नड़ भाषा के महान विद्वानों ने जैफ्री चौसर से भी बहुत पहले इस भाषा में महाकाव्य लिख दिए थे । गूगल को माफी मांगनी चाहिए ।
इस पूरे विवाद पर गूगल ने कहा कि सर्च इंजन पर पूछे जाने वाला हर सवाल हमेशा सही नहीं होता है । असल में लोग जिस तरह से किसी कंटेंट को परिभाषित करते हैं, उसके बारे में पूछे जाने वाले सवाल में भी उसी तरह से कंटेंट सामने आता है । हम ऐसी शिकायतें मिलने पर उसपर तुरंत कार्यवाही करते हैं । हम अपनी तकनीक में लगातार सुधार कर रहे हैं । हम इस गलतफहमी के लिए और लोगों की भावनाओं के आहत होने के लिए माफी मांगते हैं ।