Thursday, April 25, 2024

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वर्कप्लेस में प्रताड़ना से आहत 22 वर्षीय उरूज हुसैन ने पहले जेंडर बदला, अब नोएडा में खोला कैफे

अंग्वाल न्यूज डेस्क
वर्कप्लेस में प्रताड़ना से आहत 22 वर्षीय उरूज हुसैन ने पहले जेंडर बदला, अब नोएडा में खोला कैफे

नोएडा । वर्क प्लेस पर लोगों के उत्पीड़न से परेशान होकर एक 22 साल के युवक के मन में खुदकुशी करने के विचार आते थे । वह निराश - हताश ऑफिस जाने से डरता था , यहां तक कि वह घर से बाहर निकलने में भी घबराने लगा । लेकिन एक दिन उसने समाज से लड़ने की ठानी और वर्ष 2014 में उसने अपना जेंडर बदलने का फैसला लिया और इसके बाद उसने इसके ट्रीटमेंट प्रोसेस से गुजरा शुरू कर दिया । कल का वह उरूज हुसैन आज एक ट्रांसजेंडर महिला है । उसने दिल्ली से सटे नोएडा में अपना कैफे खोला है , जहां वह खुलकर कहती है कि एक ट्रांसजेंडर (Transgender) ने अपना कैफे खोला है. वह कहती हैं कि उसके इस कैफे में सबके साथ एक समान व्यवहार होता है । 

नोएडा में स्ट्रीट टैंपटेशन (Street Temptations) के नाम से कैफे चलाने वाली उरूज हुसैन का कहना है कि अपने वर्कप्लेस पर उसे कई बार लोगों ने तंग किया, उसे दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। वह कहती हैं कि मैंने भी एक सामान्य बच्चे की तरह ही जन्म लिया , लेकिन उम्र बढ़ने के साथ मेरा शरीर तो लड़कों जैसा था लेकिन भावनाएं लड़कियों जैसी । इस सबके चलते मुझे परिवार और समाज में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा । सब चाहते थे मैं लड़कों जैसा व्यवहार करूं , लेकिन यह सब मेरे बस में नहीं था । बचपन में स्कूल के साथी और बाद में नौकरी के सहकर्मी , सब बस मेरा मजाक ही उड़ाते थे । 

लेकिन अब ऐसा नहीं है , अब मैं अपनी बॉडी से काफी खुश हूं । पहले ऐसा लगता था जैसे मेरे शरीर को किसी जेल में कैद करके रखा गया है लेकिन अब मैं आजाद महसूस करती हूं । उरूज का कहना है कि अब मेरी इस पहल से मेरे जैसे लोग प्रेरित होंगे ।  


वह बताती हैं कि स्कूल खत्म होने के बाद मैंने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया । इसके बाद में दिल्ली चली आई । यहां इंटर्नशिप करने के दौरान वर्कप्लेस पर मेरे साथ खराब व्यवहार हुआ । लोग गंदे तरीके से मुझे छूते थे , गंदे कमेंट करते थे । इससे परेशान होकर मैंने खुद को घर में बंद कर लिया और एक समय मैं सुसाइड करने की सोचनी लगी। लेकिन एक दिन मैंने ऐसी सोच वालों को इग्नोर करने का लक्ष्य बनाया  था। 

22 साल तक एक लड़के की तरह जीवन बीताने के बाद उरूज हुसैन (Urooz Hussain) ने  वर्ष 2014 में पूरी तरह लड़की बनने का फैसला किया था। इसके बाद उसने अपना जेंडर चेंज कराना शुरू कर दिया , जिसके लिए उसने साइकोमैट्रिक टेस्ट कराए , बाद में लेजर थेरेपी ट्रीटमेंट करावाया । 

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