नई दिल्ली । देश में मंगलवार को दिल्ली के राजपथ से गणतंत्र दिवस की परेड निकली , लेकिन उसके कुछ ही मिनट बाद दिल्ली की सड़कों पर उपद्रवियों का कब्जा हो गया । किसानों के भेष में आए इन उपद्रवियों ने जमकर हिंसा करते हुए तोड़फोड़ और पुलिसवालों पर हमले किए । इस दौरान उपद्रवियों को भड़काने और हिंसा भड़काने के आरोप में किसान नेताओं ने एक शख्स का नाम लिया है , जो है दीप सिद्धू । लालकिले पर भारत के तिरंगे की जगह , धर्म का झंडा लगाने के आरोपों का सामना कर रहे दीप सिद्धू के बारे में चलिए हम आपको बताते हैं । हालांकि दीप सिद्धू ने इस पूरी हिंसा पर कहा कि यह किसानों का गुस्सा है , जो इस तरह से नजर आए ।
असल में पिछले 2 महीने से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा आंदोलन आखिर क्यों 26 जनवरी को ही हिंसक हो गया । क्या इसके पीछे कोई सोची समझी साजिश थी , या यह महज एक संयोग था । किसान नेता इस हिंसा की जिम्मेदारी न लेते हुए उल्टा इस हिंसा को भाजपा की साजिश करार दे रही है ।
असल में गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली ने मंगलवार को अचानक झड़प का रूप ले लिया था , जिसमें 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए है । इस हिंसा के लिए कई किसान नेताओं ने दीप सिद्धू का नाम लिया है । किसान नेताओं ने कहा कि दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया । तो आइये आपको बता देते हैं कि दीप सिद्धू हैं कौन और वे इस आंदोलन से कैसे जुड़ गए ।
आखिर कौन है दीप सिद्धू...
असल में दीप सिद्धू पंजाब के मुक्तसर का रहने वाला है , जो मॉडल और अभिनेता है । उसने किंगफिशर मॉडल हंट समेत उन्होंने मॉडलिंग की कई प्रतियोगिताएं जीती हैं । पंजाबी फिल्म 'रमता जोगी' से उसने अभिनय की दुनिया में कदम रखा । यह फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र के बैनर विजेता फिल्म्स में बनाई थी । इतना ही नहीं वह गुरदासपुर से भाजपा सांसद बने सनी देओल के लिए प्रचार करते हुए देखे गए थे ।
बहरहाल, जब किसानों का आंदोलन शुरू हुआ और सिद्धू इस आंदोलन में हिस्सा लेते दिखाई दिए तो कई किसान संगठनों के नेताओं ने उन पर बीजेपी का एजेंट होने का आरोप भी लगाया, जिसे सिद्धू ने सिरे से नकार दिया । जैसे ही किसान आंदोलन शुरू हुआ दीप सिद्धू सक्रिय हो गए । रास्तों को टोल फ्री करवाने और गांव-गांव जाकर किसानों को आंदोलन के लिए तैयार करने में सिद्धू ने भी अहम भूमिका निभाई ।
वह किसान संगठन के नेताओं के खिलाफ भी बोलते थे कई बार तो आंदोलन के दौरान किसान नेताओं ने उन्हें स्टेज पर भी नहीं चढ़ने दिया । इस सबके बावजूद युवा किसानों में इनकी लोकप्रियता काफी अधिक है।
किसान संगठनों की पुलिस से बातचीत चल रही थी और वह तय रूट से ही ट्रैक्टर परेड निकालने वाले थे, लेकिन आरोप लगाया गया है कि एक रात पहले ही दीप सिद्धू और गैंगस्टर से नेता बने लक्खा सिधाना कुछ किसानों से मिले और उन्हें भड़काया ।
जब किसान बेरिकेट्स तोड़कर दिल्ली में घुसे ये भी मौजूद थे. लालकिले की प्राचीर से जब तिरंगे के बगल में 'निशान साहिब' का झंडा लगाया गया, तब सिद्धू उसी समूह में शामिल थे. पताका के साथ फेसबुक लाइव भी किया । उन्होंने फेसबुक लाइव में ये भी कहा कि हमने विरोध जताने के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए सांकेतिक तौर पर निशान साहिब का झंडा फहराया है ।