Saturday, April 20, 2024

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सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर कांड पर योगी सरकार को लगाई फटकार, मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराज

अंग्वाल न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर कांड पर योगी सरकार को लगाई फटकार, मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराज

नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले योगी सरकार के लिए आफत बने लखीमपुर खीरी कांड  (Lakhimpur Kheri Incident Case ) में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की । इस रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने योगी सरकार को फटकार लगाते हुए सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर की । इस दौरान कोर्ट ने धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज होने के बावजूद आरोपी की गिरफ्तार नहीं होने के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथ लिया । हालांकि अब मामले की अगली सुनवाई दशहरा की छुट्टी के बाद 20 अक्टूबर को होगी । इससे पहले कोर्ट ने कहा कि हम आशा करते हैं कि यूपी सरकार इस मामले में गंभीरता से जांच करवाएगी । इस दौरान कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार को जांच के दूसरे विकल्पों पर भी ध्यान देना चाहिए । 

इस सबके बीच इस मामले में आरोपियों में से एक गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा आज पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुआ है । इस बीच यूपी पुलिस ने भी कह दिया है कि अगर वह थोड़ी देर में पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा । 

इससे इतर , सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई गई । कोर्ट ने पूछा कि मामला जब 302 का है तो गिरफ्तारी अबतक क्यों नहीं हुई । कोर्ट ने कहा - लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है । उन्होंने आगे कहा गया कि उत्तर प्रदेश सरकार को अपने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जब तक कोई अन्य एजेंसी इसे संभालती है तब तक मामले के सबूत सुरक्षित रहें ।


चीफ जस्टिस ने पूछा आखिर आप क्या संदेश देना चाहते हैं? 302 के मामले में पुलिस सामान्यतया क्या करती है? सीधा गिरफ्तार ही करते हैं ना! अभियुक्त जो भी हो कानून को अपना काम करना चाहिए! 

इस बीच सुप्रीम कोर्ट में हरीश साल्वे ने कहा कि किसानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने की बात सामने नहीं आई है. हालांकि, कोर्ट में यूपी सरकार ने यह भी बताया कि घटनास्थल से दो खाली कारतूस मिले थे । अभियुक्त आशीष मिश्रा को नोटिस भेजा गया है वो आज आने वाला था , लेकिन उसने कल सुबह तक का टाइम मांगा है । हमने उसे कल शनिवार सुबह 11 बजे तक की मोहलत दी है । सीजेआई ने पूछा कि जिम्मेदार सरकार और प्रशासन इतने गंभीर आरोपों पर अलग बर्ताव क्यों किया जा रहा है?

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