प्रयागराज । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में जांच तेज हो गई है । जहां पुलिस इस मामले को प्रॉपर्टी विवाद और ब्लैकमेलिंग के एंगल से देख रही है , वहीं सुबे के सीएम ने महंत की मौत पर गहरा दुख जताते हुए जांच में कोई कोताही नहीं बरते जाने के आदेश दिए हैं । इसी क्रम में महंत धर्मदास ने भी मठ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह खुदकुशी का नहीं बल्कि हत्या है और मठ के भीतर के लोग ही इसके लिए जिम्मेदार हैं । वहीं पुलिस संपत्ति विवाद और ब्लैकमेलिंग के एंगल पर जांच कर रही है । इस दौरान सपा की सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा पाए एक नेताजी भी पुलिस के रडार में आ गए हैं ।
सीसीटीवी की फुटेज खंगाल रही पुलिस
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी की खुदकुशी किए जाने की खबर मठ के लोगों ने ही पुलिस को दी थी , जिस समय पुलिस मौके पर पहुंची थी तो महंत को फंदे से नीचे उतार दिया गया था । उनकी सांस नहीं चल रही थी और फंदा लटका हुआ था । मठ के लोगों की इस थ्योरी को जांचने के साथ ही घटना से पहले और बाद में लोगों के मुवमेंट पर नजर रखने के लिए महंत गिरी के कमरे के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला जा रहा है ।
पुलिस को प्रॉपर्टी और ब्लैकमेलिंग का केस लग रहा
यूं तो यूपी पुलिस महंत नरेंद्र गिरी की मौत की जांच कई एंगल से कर रही है , पर उनका विशेष जोर प्रॉपर्टी विवाद और ब्लैकमेलिंग के एंगल पर है । असल में , अपने सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरी ने अपने शिष्य आनंद गिरी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है । हालांकि खुद आनंद गिरी का कहना है कि उसके गुरुजी सुसाइड नहीं कर सकते , यह हत्या का मामला है , जिसमें उसे फंसाया जा रहा है । यह सब उनकी संपत्ति को हड़पने की एक साजिश है । जिसमें उसके और महंत नरेंद्र गिरी के बीच हुए गतिरोध का इस्तेमाल किया गया है ।
मुझे महंतजी से दूर करने की हो रही थी साजिश
आनंद गिरी का कहना है कि पिछले 1 साल से उन्हें महंत नरेंद्र गिरी जी से दूर करने की साजिश की जा रही थी । उनका कहना है कि आखिर मैं केसे 1200 किमी दूर बैठकर किसी को खुदकुशी के लिए उकसा सकता हूं । असल में मैं ही एकमात्र ऐसा शख्स हूं जो मठ के इतिहास को जानता हूं । ऐसे में मुझे इन आरोपों में फंसाकर कुछ लोग संपत्ति हड़पने की साजिश रच रहे हैं ।
क्या महंत नरेंद्र गिरी को ब्लैकमेल किया जा रहा था
इस बीच खबरें आ रही हैं कि महंत नरेंद्र गिरी ने सुसाइड नोट के साथ मोबाइल से अपना स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किया था । वहीं यह भी बात सामने आ रही है कि उन्हें एक वीडियो के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा था । सामने आया है कि इस ब्लैकमेलिंग के खेल में पुलिस के रडार पर सपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री आ गए हैं । यह शख्स आनंद गिरी का करीबी रहा है। उसी ने महंत नरेंद्र गिरी से इस सपा नेता की मुलाकात भी करवाई थी ।
पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर लोगों को गिरफ्तार किया
बहरहाल , यूपी पुलिस ने अभी तक महंत के कमरे से मिले सुसाइड नोट के आधार पर उनके शिष्य आनंद गिरी , एक अन्य शख्स समेत प्रयागराज में लेटे हनुमान मंदिर के दो पुजारियों को भी हिरासत में लिया है । इन लोगों का जिक्र महंत नरेंद्र दास के सुसाइड नोट में है । इन लोगों से लगातार पूछताछ की जा रही है ।