नई दिल्ली । भारत ने गुरुवार को अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाया । इस दौरान भी पिछले कई सालों की तरह सेना में अदम्य साहस दिखाने वाले शूरवीर जाबंजों को वीरता पुरस्कार दिए गए । लेकिन वर्ष 2019 का स्वतंत्रता दिवस भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा , जब भारत ने अपनी पहली महिला अफसर को युद्ध सेवा मेडल दिया। यह अफसर कोई और नहीं बल्कि भारतीय वायुसेना की स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल हैं। अब आपको शायद इनका कोई कारनामा या आए लेकिन आपको विंग कमांडर अभिनंदन तो याद ही होंगे, जिनके अदम्य साहस की गाथा , आज देश के बच्चे बच्चे को पता है ।
असल में मिंटी अग्रवाल भी उसी ऑपरेशन का हिस्सा थीं। मिंटी 26 और 27 फरवरी को भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन में फाइटर प्लेन कंट्रोलर की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। 27 फरवरी को उनका विंग कमांडर अभिनंदन से टू वे कम्यूनिकेशन था , वह उन्हें दुश्मन देश के सभी 24 लड़ाकू विमानों की स्थिति और उनकी पोजिशन के बारे में बता रही थीं। पाक के एफ-16 फाइटर जेट के हमले नाकाम करने और उन्हें मार गिराने में विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की मदद करने वाली मिंटी सैन्य इतिहास में पहली महिला होंगी, जिन्हें यह सम्मान दिया गया ।
क्या कहा था मिंटी अग्रवाल ने ऑपरेशन के बाद
हाल में मिंटी ने अपने एक बयान में कहा था कि हमने 26 फरवरी को बालाकोट मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। हम जवाबी हमले की उम्मीद कर रहे थे। हमारी अतिरिक्त तैयारियां थीं और उन्होंने 24 घंटे के भीतर ही जवाबी कार्रवाई की। वे हमें नुकसान पहुंचाने के इरादे से आए थे, लेकिन हमारे पायलटों, कंट्रोलर और टीम के साहस से उनका मकसद पूरा नहीं हो पाया। एफ-16 को विंग कमांडर अभिनंदन ने मार गिराया। यह भीषण युद्ध के हालात थे। वहां दुश्मन के कई एयरक्राफ्ट थे और हमारे फाइटर एयरक्राफ्ट पूरी तरह से उनका मुकाबला कर रहे थे। मैंने 26 फरवरी और और 27 फरवरी, दोनों मिशनों में हिस्सा लिया। अभिनंदन और मेरे बीच टू वे कम्युनिकेशन था। मैं उन्हें हवाई हालात के बारे में बता रही थी। मैं उन्हें दुश्मन जहाज की पोजिशन के बारे में बता रही थी। मिंटी ने कहा था कि एयर स्ट्राइक के बाद हम जानते थे कि जवाबी कार्रवाई होगी और हम इसके लिए तैयार थे।
जानिए क्या होता है युद्ध सेवा मेडल
बता दें कि ' युद्ध सेवा मेडल ' युद्ध या तनाव की स्थिति में राष्ट्र के लिए विशिष्ट सेवा और अराधारण बहादुरी के लिए दिया जाता है। हालांकि, यह मेडल वीरता पुरस्कारों की श्रेणी में नहीं आता। 35 सेंटीमीटर के व्यास वाला यह मेडल सोने से बना होता है। सोने के रंग वाली पट्टी में गुंथे इस मेडल के एक तरफ सितारे की आकृति बनी होती है। दूसरी तरफ भारत सरकार के राष्ट्रीय चिन्ह के साथ हिंदी और अंग्रेजी में 'युद्ध सेवा मेडल' लिखा होता है. ये वीरता पुरस्कार से अलग होता है।