नई दिल्ली । जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने 'ढाई चाल ' द्वारा पाकिस्तान को घेरने की जो रणनीति बनाई गई थी वह कारगर साबित होती नजर आ रही है। इस रणनीति की चपेट में आने पर पाकिस्तान को प्रतिवर्ष 10 अरब डॉलर का नुकसान होगा। खुद पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया है कि भारत की 'लॉबिंग' से पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है। कुरैशी के भी इस बात को माना कि अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान को सालाना अरबों डॉवर का नुकसान सहना होगा । कुरैशी का कहना है कि पाकिस्तानी विदेश विभाग इस बात की गणना में जुटा है कि अगर पाकिस्तान को एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में डाला जाता है तो उन्हें प्रतिवर्ष कितना नुकसान होगा । ऐसा इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि भारत इसके लिए लगातार लॉबिंग कर रहा है।
बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कई देशों की सरकार से इस मुद्दे पर वन टू वन बात की। भारत लगातार पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद समेत अन्य आतंकी संगठनों पर अंकुश लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेराबंदी कर रहा है। भारत की इस मुहिम के बाद अब दुनिया के कई देश पाकिस्तान पर कार्रवाई करने का दबाव बना रहे हैं। इतना ही नहीं कई देश को प्रत्यक्ष तौर पर भारत के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
असल में पिछले साल जून में पेरिस के एफएटीएफ ने पाकिस्तान को निगरानी वाले देशों की सूची में डाला था । इस सूची में उन देशों को डाला जाता है जो मनी लांड्रिंग और आतंकवाद के प्रति नरम रवैया अपनाते हैं। एफएटीएफ ने पाकिस्तान से देश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के परिचालन का नए सिरे से आकलन करने को कहा था।
बहरहाल, पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की साजिश को रखा , जिसके बाद अमेरिका , फ्रांस , ब्रिटेन , इजरायल समेत कई देशों ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत की मुहिम में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का आश्वासन दिया है। इतना ही नहीं दुनिया के कई अन्य देशों ने भारत की पहल पर पाकिस्तान पर कार्रवाई के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।